हाईकोर्ट ने हमीरपुर से भाजपा विधायक आशीष शर्मा को अग्रिम जमानत की प्रदान

Edited By Kuldeep, Updated: 05 Aug, 2024 05:37 PM

high court granted anticipatory bail to mla ashish sharma

प्रदेश हाईकोर्ट ने हमीरपुर के भाजपा विधायक आशीष शर्मा को अग्रिम जमानत प्रदान कर दी है। न्यायाधीश संदीप शर्मा ने आशीष शर्मा द्वारा दायर अग्रिम जमानत याचिका को स्वीकारते हुए उन्हें सशर्त अग्रिम जमानत प्रदान कर दी है।

शिमला (मनोहर): प्रदेश हाईकोर्ट ने हमीरपुर के भाजपा विधायक आशीष शर्मा को अग्रिम जमानत प्रदान कर दी है। न्यायाधीश संदीप शर्मा ने आशीष शर्मा द्वारा दायर अग्रिम जमानत याचिका को स्वीकारते हुए उन्हें सशर्त अग्रिम जमानत प्रदान कर दी है। शर्त के अनुसार विधायक आशीष शर्मा कोर्ट की अनुमति के बगैर विदेश नहीं जा सकेंगे। उन्हें नियमित रूप से ट्रायल कोर्ट के समक्ष उपस्थित रहना होगा और यदि किसी कारणवश उपस्थिति में मुश्किल हो तो ट्रायल कोर्ट में उपस्थिति से छूट संबंधी आवेदन दायर करने की शर्त भी लगाई गई है। मामले पर सुनवाई के दौरान अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक नवदीप सिंह, पुलिस उपाधीक्षक शिमला शहरी मानवेंद्र ठाकुर, पुलिस लाइन कैंथू में तैनात इंस्पैक्टर मनोज कुमार और बालूगंज पुलिस स्टेशन में मामले के जांच अधिकारी एएसआई छोटू राम उपस्थित थे।

जांच अधिकारी के हवाले से कोर्ट को बताया गया कि 12 मार्च को प्रार्थी को दी गई अंतरिम अग्रिम जमानत की शर्तों के अनुसार प्रार्थी ने जांच में योगदान किया है। मामले की जांच अभी पूरी नहीं हुई है। सरकार की ओर से कहा गया कि प्रार्थी पर संगीन आरोप लगे हैं परंतु यदि कोर्ट अग्रिम जमानत याचिका स्वीकार करता है तो प्रार्थी पर कड़ी शर्तें लगाई जाएं। कोर्ट ने कहा कि जमानत का उद्देश्य मुकद्दमे में आरोपी की उपस्थिति सुनिश्चित करना है। सजा के तौर पर जमानत नहीं रोकी जा सकती। सामान्य नियम जमानत का है, जेल का नहीं। न्यायालय को आरोपों की प्रकृति, उसके समर्थन में सबूतों की प्रकृति, दोष सिद्धि पर मिलने वाली सजा की गंभीरता, अभियुक्त का चरित्र, उस अपराध में शामिल अभियुक्त की विशिष्ट परिस्थितियों को ध्यान में रखना होता है।

आपराधिक न्यायशास्त्र की एक मौलिक अवधारणा है कि दोषी पाए जाने तक किसी भी व्यक्ति को निर्दोष माना जाता है। याचिका में दिए तथ्यों के अनुसार शिमला के बालूगंज पुलिस स्टेशन में विधायक आशीष शर्मा के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। प्रार्थी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 171ए और 171सी, 120 बी और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 एवं 8 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है। शिकायत में कहा गया है कि प्रार्थी ने अन्य आरोपियों से मिलकर सरकार गिराने की साजिश रची।   
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