Edited By Vijay, Updated: 13 Aug, 2023 12:12 AM

लगातार वर्षा से प्रदेश में कई जगह जमीनें धंस गईं जिससे कई मकानों को खतरा पैदा हो गया है। मौसम विभाग की मानें तो रविवार को भी भारी बारिश का ऑरैंज अलर्ट रहेगा। सोमवार से 3 दिन यैलो अलर्ट रहेगा, जबकि प्रदेश में मौसम 18 अगस्त तक खराब रहेगा।
नालागढ़/शिमला (सतविंद्र/संतोष): लगातार वर्षा से प्रदेश में कई जगह जमीनें धंस गईं जिससे कई मकानों को खतरा पैदा हो गया है। मौसम विभाग की मानें तो रविवार को भी भारी बारिश का ऑरैंज अलर्ट रहेगा। सोमवार से 3 दिन यैलो अलर्ट रहेगा, जबकि प्रदेश में मौसम 18 अगस्त तक खराब रहेगा। भारी वर्षा की संभावना को लेकर पुलिस विभाग ने लोगों को भारी बारिश के दौरान अति आवश्यक होने पर ही घर से निकलने तथा अनावश्यक यात्रा से बचने की सलाह दी है। प्रदेश पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू ने कहा कि मौसम को ध्यान में रखते हुए जनता व पर्यटकों की सुरक्षा के लिए एडवाइजरी जारी की गई है। पुलिस महानिदेशक ने सभी थाना प्रभारियों से लेकर पुलिस उपाधीक्षकों व पुलिस अधीक्षकों को सतर्क रहने और नियमित रूप से निगरानी करने की सलाह दी है।
रामशहर में गांव धंसने से 8 घरों में आईं दरारें
सोलन जिले की रामशहर पंचायत का मझेड़ (बाली) गांव धंसने से 8 घरों में दरारें पड़ गई हैं। गांव को खाली करवा दिया है। तहसीलदार ने मौके पर जाकर पीड़ितों को 3-3 हजार रुपए व तिरपाल मुहैया करवाई है। गांव का 250 मीटर एरिया धंसने लगा है। रामशहर-स्वारघाट मार्ग पर भी यह धंस गया है। सड़क पर दरारें आ गई हैं। बिलासपुर की पंचायत कोटलु ब्राह्मणा के गांव कल्लर में वर्षा के कारण जमीन धंस गई। संबंधित परिवारों को पंचायत ने सुरक्षित स्थानों पर चले जाने को कहा है। डंगार के गांव जोहड़ी में भी मकान के सामने की जमीन भारी बारिश के कारण बैठ गई। कुल्लू जिले के ढालपुर मेंं गौसदन के समीप भूस्खलन के कारण 2 मकानोंं के गिरने का खतरा पैदा हो गया है। भारी बारिश के कारण लोअर बल्ह घाटी जलमग्न हो गई है। घाटी के बीचोंबीच से गुजरने वाली सुकेती खड्ड में आसपास की लगभग आधा दर्जन खड्डों में भारी जल प्रवाह से आसपाल की हजारों बीघा उपजाऊ भूमि से पारंपरिक व नकदी फसलें बह गईं। इसी के साथ नदी-नालों व खड्ड के साथ बने घरों-दुकानों में भी पानी घुस गया।
मणिकर्ण में पहाड़ी से चट्टानें गिरने से चकनाचूर हुई कार
कुल्लू जिले के मणिकर्ण में पहाड़ी से चट्टानें गिरने से एक कार चकनाचूर हो गई। यह कार सड़क किनारे पार्क की हुई थी। जब यह हादसा हुआ उस दौरान सौभाग्य से कार में कोई भी नहीं बैठा था। इससे जानी नुक्सान नहीं हुआ। कांगड़ा जिले के उपमंडल जयसिंहपुर के दंदेल गांव के साथ लगती जंगलेड़ खड्ड के पास शनिवार सुबह पशुओं को छोड़ने गया दंदेल गांव का व्यक्ति खड्ड में अचानक तेज बहाव के कारण फंस गया, जिसे प्रशासन व स्थानीय लोगों की मदद से सुरक्षित निकाल लिया गया। तलवाड़ के पास सुकाड खड्ड पर बने पुल की एक तरफ सड़क का एक बड़ा हिस्सा धंस गया। जिला कांगड़ा में 16 कच्चे व 2 पक्के मकान पूरी तरह से ढह गए और 21 कच्चे मकानों को नुक्सान पहुंचा है। इसके अलावा 33 गऊशालाएं ढह गई हैं। उधर, कालका-शिमला हाईवे बंद होने से शुक्रवार को शिमला शहर में दूध, दही, ब्रैड और सब्जियों की सप्लाई नहीं पहुंच पाई।
एक नैशनल हाईवे सहित 302 सड़कें बंद
शुक्रवार रात्रि से लगी बारिश की भारी झड़ी के कारण शनिवार दोपहर 12 बजे तक एक नैशनल हाईवे सहित 302 सड़कें अवरुद्ध रहीं। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार शनिवार सुबह 10 बजे तक राज्य में 2 नैशनल हाईवे शिमला-कालका और मंडी जिले में एनएच-21 बाधित रहा। दोपहर तक दोनों नैशनल हाईवे तो खोल दिए गए, लेकिन जिला शिमला के तहत नैशनल हाईवे-305 बंद हो गया। शनिवार सुबह 10 बजे तक राज्य में 1184 बिजली ट्रांसफार्मरों के ठप्प होने से कई क्षेत्रों में ब्लैक आऊट छाया हुआ है। इसमें सबसे अधिक परेशानी मंडी जिले के लोग झेल रहे हैं, जहां पर 573 और उसके बाद जिला कुल्लू में 550 ट्रांसफार्मर बंद पड़े हैं। उधर, ल्हासे गिरने से मंडी-शिमला सड़क मार्ग जगह-जगह से ब्लॉक हो जाने कारण मार्ग पर गाड़ियों के पहिए थम गए हैं।
पुलिस सहायता कक्ष या 112 नंबर पर करें संपर्क
पुलिस की एडवाइजरी में कहा गया है कि बाढ़ वाली स्थिति में सड़क पर गाड़ी चलाने की कोशिश न करें। गाड़ी चलाते समय कम दृश्यता में लो बीम लाइट का उपयोग करें। किसी भी आपातकालीन स्थिति, यात्रा संबंधी सलाह और सड़कों की स्थिति की जानकारी के बारे में जिला पुलिस सहायता कक्ष व 112 नंबर पर संपर्क करें।
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