Edited By Vijay, Updated: 29 Dec, 2021 04:01 PM

कहते हैं कि हर सफल पुरुष के पीछे कहीं न कहीं नारी का हाथ होता है। ठीक इसी तर्ज पर घरवाली के तानों ने पति में ऐसा आत्मविश्वास जगाया कि पति ने भी अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति के दम पर गोल्ड मैडल झटक कर अपनी पत्नी के सपनों को पूरा करके ही दम लिया।
स्वारघाट (पवन ठाकुर): कहते हैं कि हर सफल पुरुष के पीछे कहीं न कहीं नारी का हाथ होता है। ठीक इसी तर्ज पर घरवाली के तानों ने पति में ऐसा आत्मविश्वास जगाया कि पति ने भी अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति के दम पर गोल्ड मैडल झटक कर अपनी पत्नी के सपनों को पूरा करके ही दम लिया। मामला उपमंडल स्वारघाट के गांव बैहल का है जहां जिम का शौक रखने वाले रिपन ठाकुर को उसकी पत्नी ने प्रोत्साहन का टॉनिक पिलाकर उनका शौक खेलों की ओर मोड़ दिया।
जी हां, रिपन ठाकुर ने अभी हाल ही में धर्मशाला में आयोजित राज्य स्तरीय स्पोर्ट्स इवैंट के पैरा पावर लिफ्टिंग में गोल्ड मैडल जीतकर क्षेत्र का नाम रोशन किया है। रिपन ने प्रतियोगिता में 1 क्विंटल 18 किलोग्राम का भार उठाकर इस पदक को अपने नाम किया है। रिपन ठाकुर पेशे से गरा हाई स्कूल में कला अध्यापक के पद पर तैनात हैं। उससे भी बड़ी बात यह है कि रिपन 45 प्रतिशत तक दिव्यांग हैं तथा चलने के लिए छड़ी का सहारा लेते हैं। रिपन ठाकुर के अनुसार उन्हें बचपन में पोलियो हो गया था, जिससे उनकी टांग में दिक्कत आ गई थी।
बाल्यावस्था से ही रिपन को बॉडी बनाने का शौक था, जिसे पूरा करने के लिए रिपन प्रतिदिन जिम जाया करते थे। जिम में प्रतिदिन कसरत करने के लिए भार उठाने वाले रिपन को उनकी धर्मपत्नी अक्सर इस शौक को खेलों की ओर मोड़ने को कहा करती थी। रोज-रोज के तानों से तंग रिपन ने भी पत्नी के कहने पर पैरा लिफ्टिंग में अपना भाग्य आजमाया और सफलता के झंडे गाड़ दिए। 10 किलोमीटर दूर अपने इस स्कूल का सफर रिपन अपनी चारपहिया स्कूटी पर तय करते हैं। रिपन स्कूल में पढ़ाई के साथ-साथ बच्चों को खेलों की ओर भी प्रोत्साहित करते हैं।रिपन अपनी इस सफलता का पूरा श्रेय अपनी धर्मपत्नी को देते हैं।
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