Edited By Vijay, Updated: 10 Dec, 2023 11:02 PM

राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने पूर्वांचल के लोगों से आने वाली पीढ़ियों के लिए पूर्वांचल की समृद्ध संस्कृति को संरक्षित करने के लिए यहां परंपराओं और विरासत को संजोकर रखने का आह्वान किया। यह बात उन्होंने रविवार को नई दिल्ली में माटी ट्रस्ट द्वारा आयोजित...
शिमला (ब्यूरो): राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने पूर्वांचल के लोगों से आने वाली पीढ़ियों के लिए पूर्वांचल की समृद्ध संस्कृति को संरक्षित करने के लिए यहां परंपराओं और विरासत को संजोकर रखने का आह्वान किया। यह बात उन्होंने रविवार को नई दिल्ली में माटी ट्रस्ट द्वारा आयोजित 7वें माटी सम्मान समारोह को सम्बोधित करते हुए कही। यह कार्यक्रम पूर्वाचल की कला और समृद्ध संस्कृति को प्रदर्शित करने के लिए आयोजित किया गया था। राज्यपाल ने पूर्वांचल की संस्कृति को प्रतिबिंबित करने वाले समृद्ध लोकगीतों को संरक्षित करने के महत्व पर प्रकाश डाला और आने वाली पीढ़ियों के लिए पौराणिक परंपराओं के साथ एक मजबूत संबंध स्थापित करने में इन लोकगीतों की भूमिका पर बल दिया। उन्होंने कहा कि हालांकि देशभर में भाषा, खानपान, रीति-रिवाज और परंपराएं अलग-अलग हैं लेकिन पूर्वांचल की भावना देशभर में रहने वाले सभी पूर्वांचलियों को एकजुट करती है। राज्यपाल ने स्वतंत्रता संग्राम में क्षेत्र के नायकों को श्रद्धांजलि अर्पित की और स्वतंत्रता संग्राम में इस धरती के नायकों की भूमिका व अन्याय के खिलाफ इनके संघर्ष की सराहना की।
पूर्वांचल की लोकप्रिय हस्तियों को सम्मानित किया
इस अवसर पर राज्यपाल ने लोक गायिका मालिनी अवस्थी, डाॅ. एनएल खन्ना, रवि दुबे, रजनीकांत राय, चन्द्रशेखर सिंह व एनके यादव सहित अपने-अपने क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान देने वाली पूर्वांचल की लोकप्रिय हस्तियों को सम्मानित किया। माटी ट्रस्ट के अध्यक्ष राम बहादुर राय ने ट्रस्ट के लक्ष्यों और उद्देश्यों पर प्रकाश डाला। ट्रस्ट के सदस्य प्रोफैसर जितेंद्र श्रीवास्तव ने मुख्यातिथि और अन्य गण्यमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया। संयोजक आसिफ आजमी ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया। इस अवसर पर पूर्व मंत्री विजय गोयल, पूर्वांचल के गण्यमान्य व्यक्ति और एनसीआर में रहने वाले पूर्वांचल के लोग उपस्थित थे।
सनातन संस्कृति पर गर्व करे भावी पीढ़ी
राज्यपाल ने सनातन संस्कृति के महत्व पर भी बल दिया तथा वर्तमान व भावी पीढ़ियों से इस संबंध में जागरूक होना और गर्व करने का आह्वान किया। उन्होंने पवित्र शहर काशी और देश भर के घरों में पाई जाने वाली रामायण जैसी पवित्र पुस्तकों के प्रकाशन के लिए प्रसिद्ध गोरखपुर के गीता प्रैस जैसे स्थलों के बारे में भी बताया।
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