Edited By Vijay, Updated: 03 Mar, 2022 10:11 PM

जिला शिमला के ठियोग में संदिग्ध हालत में मिले शव मामले में अब परिजनों ने आईजीएमसी के पोस्टमार्टम रूम के बाहर से शव को उठा लिया है। परिजनों ने शव को चौथे दिन राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर से आश्वासन मिलने के बाद उठाया है। परिजनों सहित अन्य लोग...
शिमला (जस्टा): जिला शिमला के ठियोग में संदिग्ध हालत में मिले शव मामले में अब परिजनों ने आईजीएमसी के पोस्टमार्टम रूम के बाहर से शव को उठा लिया है। परिजनों ने शव को चौथे दिन राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर से आश्वासन मिलने के बाद उठाया है। परिजनों सहित अन्य लोग मामले को लेकर राज्यपाल से मिले। ऐसे में राज्यपाल ने मामले को लेकर उचित कार्रवाई करवाने व दोषियों को सजा दिलाने का आश्वासन दिया है। परिजन शव को ठियोग ले गए हैं, जहां पर उसका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
बता दें कि परिजनों ने व्यक्ति की हत्या करने के आरोप लगाए हैं और पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं। मृतक भगत राम की बेटी मनीषा का कहना था कि उनकी मांग न्याय दिलाने को लेकर है। ठियोग में 90 दिनों बाद भगत राम का शव संदिग्ध परिस्थितियों में मिला है, तभी परिजनों ने हत्या का आरोप लगाया है। मृतक पेशे से किसान था और 21 नवम्बर को अपने घर से गाड़ी की किस्त जमा करवाने गया था लेकिन उसके बाद वह घर वापस नहीं लौटा, ऐसे में बेटी ने सोचा कि उसके पिता अपने दोस्तों के साथ कहीं गए होंगे और वापस आ जाएंगे। जब 2 दिन बाद भी वापस नहीं आए तो मामले की सूचना ठियोग पुलिस थाना में दी लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की।
3 महीने तक पुलिस द्वारा जांच के बाद भी जब कोई परिणाम सामने नहीं आया तो परिजन 15 दिन पहले फरवरी में डीजीपी से मिले और मामले की जांच सीआईडी से करवाने की मांग की गई। तभी डीजीपी ने एक कमेटी गठित की, जिसमें सीआईडी ने 28 फरवरी को शव ढूंढ निकाला। शव लफूघाटी में एक झाड़ी में पड़ा हुआ था। परिजनों का कहना है कि भगत राम की हत्या की गई है, दोषियों को तुरंत पकड़ा जाए।
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