Edited By Vijay, Updated: 06 Jan, 2023 11:42 PM

हिमाचल प्रदेश विधानसभा में रखी गई वर्ष 2021-22 की भारत के नियंत्रण एवं महालेखा परीक्षा (कैग) की रिपोर्ट में राज्य सरकार के वित्तीय प्रबंधन पर सवाल उठाए गए हैं। रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2021-22 के विनियोग लेखों में 623 करोड़ 39 लाख 68 हजार 317 रुपए...
शिमला (कुलदीप): हिमाचल प्रदेश विधानसभा में रखी गई वर्ष 2021-22 की भारत के नियंत्रण एवं महालेखा परीक्षा (कैग) की रिपोर्ट में राज्य सरकार के वित्तीय प्रबंधन पर सवाल उठाए गए हैं। रिपोर्ट के अनुसार वर्ष, 2021-22 के विनियोग लेखों में 623 करोड़ 39 लाख 68 हजार 317 रुपए बिना बजट प्रावधान के खर्च किए गए। रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार ने 7 लाख 87 हजार 379 रुपए के खर्च के व्यय प्रमाण प्रस्तुत नहीं किए। इस कारण कैग ने इस राशि को सस्पैंस अकाऊंट की श्रेणी में रखा है, साथ ही सरकार वित्तीय वर्ष, 2019-20 में 1 करोड़ 37 लाख 37 हजार 681 की गैर राशि के प्रमाण भी सरकार प्रस्तुत नहीं कर सकी। वहीं 1 करोड़ 5 लाख रुपए के राजस्व खर्चों व 13 लाख 34 हजार 767 की राशि के पूंजीगत व्यय के प्रमाण में सरकार प्रस्तुत नहीं किए गए। वर्ष 2020-21 में 22 लाख 76 हजार 615 रुपए के खर्च के व्यय प्रमाण सरकार भी प्रस्तुत नहीं किए गए, जिसे कैग ने सस्पैंस अकाऊंट श्रेणी में डाला है। कैग ने केंद्र प्रायोजित योजना के तहत 50 लाख रुपए का व्यय बिना प्रावधान के किए जाने की बात कही है। इसी तरह 369 लाख रुपए का प्रावधान राज्य में सूखे जैसी स्थिति में पीने के पानी को तालाबों द्वारा उपलब्ध करवाने की बात कही गई है। कैग ने कई अन्य विभागों की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाए हैं।
मनमर्जी से खर्च कर दी राशि
वित्त वर्ष के आरंभ में 2392.99 करोड़ रुपए के 1,823 उपयोगिता प्रमाण पत्र संबंधित विभागों की ओर से दिए जाने थे लेकिन कई विभागों की तरफ से 2359.15 करोड़ रुपए के 1,796 उपयोगिता प्रमाण पत्र जमा नहीं करवाए गए। वित्त वर्ष के दौरान 4752.14 करोड़ रुपए के उपयोगिता प्रमाण पत्र दिए जाने के बारे में केंद्र सरकार के संबंधित मंत्रालयों की ओर से सरकार को पत्र लिखा गया। राज्य सरकार की ओर से केंद्र सरकार से प्राप्त धनराशि मनमर्जी से खर्च कर दी गई।
हिमाचल की खबरें Twitter पर पढ़ने के लिए हमें Join करें Click Here
अपने शहर की और खबरें जानने के लिए Like करें हमारा Facebook Page Click Here