Edited By Vijay, Updated: 19 Dec, 2025 10:52 PM

प्रदेश हाईकोर्ट ने न्यायिक आदेशों की अनुपालना न करने पर राज्य सरकार के बागवानी विभाग के प्रधान सचिव पर 5 लाख रुपए की कॉस्ट लगाई है।
शिमला (मनोहर): प्रदेश हाईकोर्ट ने न्यायिक आदेशों की अनुपालना न करने पर राज्य सरकार के बागवानी विभाग के प्रधान सचिव पर 5 लाख रुपए की कॉस्ट लगाई है। न्यायाधीश अजय मोहन गोयल ने अवमानना याचिका की सुनवाई के पश्चात यह आदेश पारित किए हैं। न्यायालय ने यह स्पष्ट किया कि जो अधिकारी व कर्मचारी न्यायिक आदेशों की अनुपालना करने के लिए जिम्मेदार थे, उन सभी अधिकारियों व कर्मचारियों से मिलकर इस काॅस्ट की राशि की भरपाई की जाए। पहले बागवानी विभाग के प्रधान सचिव को काॅस्ट की राशि अदा करने के आदेश जारी किए हैं। कोर्ट ने जांच को अमल लाने के पश्चात से इस राशि की भरपाई उन सभी से करने के आदेश जारी किए हैं, जो न्यायिक आदेशों की अवहेलना करने के लिए जिम्मेदार हैं।
याचिका में दिए तथ्यों के अनुसार तत्कालीन प्रशासनिक प्राधिकरण ने गेजम राम के पक्ष में 31 मार्च 2016 को फैसला सुनाते हुए उसे वर्ष 2002 से नियमित करने बाबत निर्णय लेने के आदेश पारित किए थे। कोर्ट ने रिकॉर्ड का अवलोकन करने के पश्चात यह पाया कि प्रार्थी को वर्ष 2006 से नियमितीकरण का लाभ तो दे दिया गया। मगर विभाग द्वारा न्यायिक आदेशों के तहत वर्ष 1994 से 8 वर्ष पूरे करने के पश्चात उसे वर्ष 2002 से नियमित करने का लाभ नहीं दिया। कोर्ट ने कहा कि इतने वर्षों तक प्राधिकरण के आदेशों की अनुपालना न करना स्पष्ट तौर पर जिम्मेदार अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ अवमानना का मामला बनता है।