Edited By Simpy Khanna, Updated: 10 Oct, 2019 01:42 PM
सुजानपुर के विधायक राजेंद्र राणा ने कहा है कि हार्वर्ड व आई.एम.एफ की अध्ययन रिपोर्ट में भी नोटबंदी को खराब तरीके से लागू करने से नुक्सान होने का दावा किया गया है। अब केंद्र सरकार स्पष्ट करे कि ऐसे क्या कारण रहे कि बिना किसी तैयारी के देश पर नोटबंदी...
हमीरपुर : सुजानपुर के विधायक राजेंद्र राणा ने कहा है कि हार्वर्ड व आई.एम.एफ की अध्ययन रिपोर्ट में भी नोटबंदी को खराब तरीके से लागू करने से नुक्सान होने का दावा किया गया है। अब केंद्र सरकार स्पष्ट करे कि ऐसे क्या कारण रहे कि बिना किसी तैयारी के देश पर नोटबंदी थोप दी गई थी। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट के मुताबिक नोटबंदी वाली तिमाही में ही देश की आर्थिक गतिविधियों में 2.2 फीसदी व नौकरियों में 2 से 3 फीसदी की गिरावट बताई गई जिससे जी.डी.पी. को भी 2 फीसदी तक का झटका लगा था। आई.एम.एफ. ने साथ ही यह भी स्पष्ट किया है कि 90 प्रतिशत वैश्विक अर्थव्यवस्था मंदी की चपेट में आ चुकी है तथा भारत में इस साल मंदी के आंकड़े काफी जटिल स्थिति को परिलक्षित करने वाले बताए हैं।
उन्होंने इसके लिए केंद्र सरकार की नीतियों को जिम्मेवार ठहराते हुए कहा कि सरकार के गलत फैसलों का खमियाजा जनता को भुगतना पड़ रहा है क्योंकि उद्योग धंधे बंद हो रहे हैं और बेरोजगारोंं की फौज खड़ी हो रही है लेकिन सरकार अब भी इससे उभरने के बजाए अच्छे दिनों का दिलासा दे रही है। उन्होंने कहा कि अब भी केंद्र सरकार मंदी से निपटने के लिए स्थाई प्रबंध नहीं कर पाई है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने सब्जबाग तो दिखाए थे लेकिन उनकी जगह पर दिलासों का झुनझुना जनता को थमा दिया है। वर्तमान में देश सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। अर्थव्यवस्था चौपट हो चुकी है। रिजर्व बैंक के पैसे पर सरकार ने काली नजर गडा रखी है।
उन्होंने कहा कि केंद्र की मोदी सरकारने अब तक पूर्व यू.पी.ए. सरकार की स्कीमों के सिवाये कोई नया ऐसा काम नहीं किया है तथा पुरानी स्कीमों को तोड़-मरोडक़र पेश किया जा रहा है। राजेंद्र राणा ने सरकार से सवाल किया कि देश की अर्थव्यवस्था चौपट करने पर अब इस पटरी पर लाने के लिए क्या किया जा रहा है, इस पर सरकार को स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए। साथ ही, यह भी बताए कि नोटबंदी व जी.एस.टी. की ऐसी क्या जरूरत आन पड़ी थी जिसे रात के अंधेरे में लागू किया गया। उन्होंने कहा कि जनता ने भाजपा को मौका इसीलिए दिया था कि केंद्र में सरकार बनने में इनकी सरकार कोई नया काम करेगी लेकिन जनता को परेशान करने के सिवाये सरकार ने कुछ नहीं किया है।