Edited By Vijay, Updated: 24 Jul, 2025 09:03 PM

नई जॉब ट्रेनी पॉलिसी को लेकर बेरोजगार युवाओं के साथ विपक्ष के मुखर होने के बाद राज्य सरकार को सफाई देनी पड़ी है। राज्य सरकार ने स्पष्ट किया है कि नई ट्रेनी पॉलिसी का उद्देश्य संबंधित विभागों के कामकाज को अधिक सहज, दक्ष और कार्यकुशल बनाना है।
शिमला (कुलदीप): नई जॉब ट्रेनी पॉलिसी को लेकर बेरोजगार युवाओं के साथ विपक्ष के मुखर होने के बाद राज्य सरकार को सफाई देनी पड़ी है। राज्य सरकार ने स्पष्ट किया है कि नई ट्रेनी पॉलिसी का उद्देश्य संबंधित विभागों के कामकाज को अधिक सहज, दक्ष और कार्यकुशल बनाना है। पहले अनुबंध कर्मचारियों को नियमित करने की अवधि एडहॉक और उस समय की सरकार के निर्णय पर निर्भर करती थी। नियमितीकरण की यह अवधि 8 से लेकर 2 वर्ष के बीच रही है। इस नई नीति का उद्देश्य एडहॉक प्रणाली को समाप्त करना और नियुक्त किए गए कर्मचारियों को 2 वर्ष के बाद नियमित करना है।
2 वर्ष बाद समाप्त नहीं होंगी सेवाएं
सरकार ने स्पष्ट किया है कि नई पॉलिसी में 2 वर्ष के बाद किसी भी प्रशिक्षु की सेवाएं समाप्त करने का कोई प्रावधान नहीं है। इस नीति के बारे में कुछ नेता भ्रम फैला रहे हैं। नीति को युवाओं के हित में तैयार किया गया है और इसके अधिकतर प्रावधान पुरानी अनुबंध नीति के अनुरूप ही हैं। यानी पहले जैसे अनुबंध कर्मचारियों को 2 वर्ष तक अनुबंध पर रखा जाता था, वैसे ही नई पॉलिसी में प्रशिक्षु अब 2 वर्ष की ट्रेनिंग पर रहेंगे। इस नीति के तहत 2 वर्ष की ट्रेनिंग अवधि के बाद एक सामान्य विभागीय परीक्षा लेने का प्रावधान है, जिसके बारे में जल्द ही कार्मिक विभाग स्थिति स्पष्ट करेगा। ऐसे में जो भी अभ्यर्थी हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग एवं राज्य चयन आयोग के माध्यम से चयनित होंगे, उन्हें 2 वर्ष के बाद नियमित किया जाएगा।
सरकार ने इसलिए जारी की ट्रेनी पॉलिसी
सरकार का कहना है कि पुरानी अनुबंध नीति में कई व्यावहारिक खामियां थीं, जिनके चलते कर्मचारियों को विभिन्न परेशानियों का सामना करना पड़ता था और कई मामले न्यायालयों में लंबित हो जाते थे। इन्हीं खामियों को दूर करने के उद्देश्य से सरकार ने 19 जुलाई, 2025 को नई ट्रेनी पॉलिसी जारी की है। नई पॉलिसी के तहत नियुक्त प्रशिक्षु 2 वर्ष की प्रशिक्षण अवधि के दौरान विभागीय कार्यों को सीखेंगे और प्रशिक्षण के उपरांत वे विभागीय कामकाज को अधिक दक्षता और प्रभावशाली ढंग से निभा सकेंगे। उल्लेखनीय है कि हिमाचल प्रदेश में 14 मई, 2025 के बाद की सभी भर्तियां जॉब ट्रेनी योजना के दायरे में आएंगी। कार्मिक विभाग की तरफ से इस बारे पत्र जारी किया गया है, जिसमें ग्रुप ए, बी व सी श्रेणी की भर्तियां इसके दायरे में लाने की बात कही गई है।
सरकार ने अग्निवीर योजना पर उठाए सवाल
राज्य सरकार का कहना है कि नई नीति पर भ्रम फैलाने वालों को यह स्पष्ट करना चाहिए कि हिमाचल के युवाओं की नियमित भर्ती का जो स्रोत अग्निवीर योजना में था, वह पूरी तरह से बंद कैसे हो गया है? साथ ही वे यह भी बताएं कि उन युवाओं के भविष्य को लेकर क्या योजनाएं बनाई जा रही हैं, जिन्हें 23 वर्ष की उम्र में सेवा से बाहर कर दिया जाएगा।