G-20 Summit : पर्यावरण को ग्लोबल वार्मिंग से बचाने के लिए हाईड्रोजन ईंधन के इस्तेमाल पर बनी सहमति

Edited By Vijay, Updated: 19 Apr, 2023 09:18 PM

g 20 summit

पर्यावरण को ग्लोबल वार्मिंग से बचाने के लिए पैट्रोल-डीजल जैसे ईंधनों की बजाय हाईड्रोजन ईंधन के इस्तेमाल पर भविष्य में बल देने पर जी-20 देशों में सहमति बनी है। धर्मशाला में आयोजित हो रही भारत समेत दुनिया के 20 विकासशील देशों में वैश्विक रिसर्च एंड...

धर्मशाला (जिनेश): पर्यावरण को ग्लोबल वार्मिंग से बचाने के लिए पैट्रोल-डीजल जैसे ईंधनों की बजाय हाईड्रोजन ईंधन के इस्तेमाल पर भविष्य में बल देने पर जी-20 देशों में सहमति बनी है। धर्मशाला में आयोजित हो रही भारत समेत दुनिया के 20 विकासशील देशों में वैश्विक रिसर्च एंड इनोवेशन इनिशिएटिव गैदरिंग में ऊर्जा संक्रमण के लिए पर्यावरण नवाचार का नया रोडमैप तैयार हुआ। बुधवार को शुरू हुए जी-20 सम्मेलन में पर्यावरण के विभिन्न मुद्दों पर चर्चा व अनुसंधान आदि मुद्दों पर सभी देशों के वैज्ञानिकों ने मंथन किया। खनियारा स्थित रैडीसन होटल में साइंस व टैक्नोलॉजी मंत्रालय के सचिव डाॅ. श्रीवरी चंद्रशेखर ने सम्मेलन का उद्घाटन किया। 
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दुनिया के लिए खतरा हो सकता है ग्लेशियरों का पिघलना
बैठक में यह चर्चा हुई कि जीवाश्म ईंधन खपत से दूर संक्रमण को प्राथमिकता देनी चाहिए। नवीकरणीय ऊर्जा के उपयोग की क्षमता हमारी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए काफी बड़ी है लेकिन उन्हें बड़े पैमाने पर परिवर्तित करने और संग्रहित करने के लिए एक विशाल प्रयास की आवश्यकता होती है जिसे एक साथ काम कर पूरा किया जा सकता है। बैठक में चर्चा हुई कि जीवाश्म ईंधन के इस्तेमाल से कार्बन डाईऑक्साइड पर्यावरण में बढ़ रही है जिससे ग्लोबल वार्मिंग हो रही है तथा ग्लेशियरों के पिघलने के कारण समुद्र जल में भी बढ़ौतरी हो रही है तथा यह दुनिया के लिए एक खतरा हो सकता है। बैठक के बारे में जानकारी देते हुए डाॅ. श्रीवरी चंद्रशेखर ने बताया कि लकड़ी, कोयले, पैट्रोल, डीजल व सीएनजी का प्रयोग वर्तमान में दुनिया कर रही है लेकिन भविष्य में इन ईंधनों के अलावा दूसरे ईंधनों पर निर्भरता पर चर्चा हुई है ताकि कार्बन डाईऑक्साइड के प्रभाव को कम कर पर्यावरण को सुरक्षित बनाया जा सके। इन सभी मुद्दों को लेकर दुनिया के 20 देशों के प्रतिनिधियों के साथ रोडमैप तैयार किया गया है कि बायो हाईड्रोजन व एथेनॉल आदि ईंधनों का इस्तेमाल आने वाले समय में किया जा सके। 
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सर्वोत्तम प्रथाओं और नीति मॉडल को सांझा करने पर विचार-विमर्श
सम्मेलन में सतत् ऊर्जा संक्रमण के लिए जी-20 देशों की सर्वोत्तम प्रथाओं और नीति मॉडल को सांझा करने पर विचार-विमर्श भी किया गया। उन्होंने बताया कि ग्लोबल वार्मिंग की समस्या से निपटने के लिए सभी देश एक मंच पर इकट्ठा हुए हैं तथा जीवाश्म ईंधन के प्रयोग के बदले बायो हाईड्रोजन ईंधनों के इस्तेमाल को लेकर तकनीक एक-दूसरे के साथ सांझा करने पर तैयार हुए हैं। उन्होंने कहा कि सभी 20 देशों के प्रतिनिधियों ने माना है कि दुनिया का सबसे अच्छा ईंधन है। भारत सरकार के विभिन्न वैज्ञानिक विभागों, संगठनों से कुल 29 विदेशी प्रतिनिधियों और 30 भारतीय विशेषज्ञों ने इसमें भाग लिया। 
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पैट्रोल-डीजल को एकदम नहीं कर सकते बंद
डॉ. श्रीवरी चंद्रशेखर ने कहा कि बैठक में यह भी चर्चा हुई कि पैट्रोल व डीजल को एकदम बंद नहीं किया जा सकता है लेकिन भविष्य की जरूरतों को देखते हुए इसमें बदलाव करना जरूरी है। उन्होंने माना कि इस समय दुनिया के पास काफी भंडार पैट्रोल व डीजल ईंधन के हैं। उन्होंने कहा कि भारत ने सभी देशों के प्रतिनिधियों को भरोसा दिलाया है कि भारत बचनबद्ध है कि एथेनॉल का प्रयोग 20 प्रतिशत से अधिक भविष्य में किया जाएगा। 
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एविएशन इंडस्ट्री भी उपयोग में लाए बायो जैट ईंधन
डाॅ. श्रीवरी चंद्रशेखर ने बताया कि बैठक में यह भी चर्चा हुई है कि एविएशन इंडस्ट्री भी आने वाले समय में बायो जैट ईंधन का प्रयोग करे ताकि पर्यावरण को और अधिक सुरक्षित बनाया जा सके।   

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