Kangra: फुंगणी माता और देव गहरी नेर की चेतावनी, देवस्थलों को पर्यटन स्थलों के तौर पर न करें इस्तेमाल, नहीं ताे...

Edited By Vijay, Updated: 10 Jul, 2025 09:19 PM

warning from phungani mata and dev ghari ner

देव परंपराओं को मानने वाली छोटा भंगाल घाटी की आराध्य देवी फुंगणी माता और देव गहरी नेर ने पर्यटकों के बढ़ते दखल के बीच एक बार फिर चेतावनी दी है कि देवस्थलों को पर्यटक स्थलों के तौर पर इस्तेमाल करने से परहेज करें अन्यथा आने वाले समय में और भी तबाही के...

बैजनाथ (बावा) : देव परंपराओं को मानने वाली छोटा भंगाल घाटी की आराध्य देवी फुंगणी माता और देव गहरी नेर ने पर्यटकों के बढ़ते दखल के बीच एक बार फिर चेतावनी दी है कि देवस्थलों को पर्यटक स्थलों के तौर पर इस्तेमाल करने से परहेज करें अन्यथा आने वाले समय में और भी तबाही के लिए खुद को तैयार कर लें। बीते वर्ष भी इन देवी-देवताओं ने गुरों के माध्यम से इस तरह की चेतावनी दी थी। वजह यह है कि पर्यटकों द्वारा फैलाई जाने वाले प्रदूषण और अवैध गतिविधियों की वजह से देवी-देवता काफी नाराज हैं ,साथ ही भादों मास में होने वाले देव कारजों में भी व्यवधान होता है।

फुंगणी माता ने छोटा भंगाल घाटी के अंदली मलांह स्थित अपने स्थायी निवास स्थान गुर कलम सिंह के माध्यम से यह चेतावनी जारी की है। काबिलेगौर है कि माता के धर्म भाई माने जाने वाले देव हुरंग नारायण भी नहीं चाहते कि इस घाटी में पर्यटकों का दखल बढे़। वह बताते हैं कि देवधरा हिमाचल के अधिकांश देवस्थानों पर लोग पर्यटक के तौर पर रहते हैं न की श्रद्धालु के तौर पर। इस वजह से देव गहरी नेर समिति अध्यक्ष संजय ठाकुर ने देवता के गुर परसराम के हवाले से बताया कि देवता को यह कतई मंजूर नहीं कि उनके दरबार में कोई बीड़ी-सिगरेट या फिर चमड़े की वस्तु लेकर जाए। इसी के साथ प्रदेश के तमाम देवस्थानों में पर्यटक अनैतिक गतिविधियां करते हैं। इस वजह से देवता खासे नाराज हैं।

बिजली महादेव के गुर ने भी बीते वर्ष भी कुल्लू जिला के देव बिजली महादेव ने भी गुर के माध्यम से बिजली महादेव को रोपवे से न जोड़े जाने और मानव जाति के सुधरने की चेतावनी जारी की थी। बीते वर्ष आई प्राकृतिक आपदा के समय भी कहा गया था कि अभी तो महादेव ने दो लौटे ही उढेले हैं। यदि हालात अब भी न सुधरे तो माता हिडिंबा तक पानी छूने की चेतावनी दी थी।

विषम परिस्थितियों में रक्षा करते हैं देवता
न्याय की देवी मानी जाने वाली फुंगणी माता का मंदिर छोटा भंगाल घाटी के अंदलि मलांह में स्थित है जबकि भक्तों के मनौतियों को तुरंत मानने वाले देव गहरी नेर में विराजमान हैं। यह दोनों देवी और देवता घाटी के लोगों की विषम परिस्थितियों में भी रक्षा करते हैं। यही वजह है कि यहां के तमाम बाशिंदें प्रत्येक शुभ कार्य करने से पहले देवी देवता का आशीर्वाद लेना कतई नहीं भूलते।

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