Edited By Vijay, Updated: 29 Oct, 2022 08:53 PM

जम्मू-कश्मीर के बारामूला के तारीपोरा व सुल्तानपोरा के जंगलों में आतंकवादियों से लोहा लेते शहीद हुए राइफलमैन कुलभूषण मांटा की उनके पैतृक गांव गौंठ में पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंत्येष्टि की गई। वीर सैनिक की पत्नी नीतू ने शहीद पति को सैल्यूट कर अंतिम...
नेरवा (राजेंद्र): जम्मू-कश्मीर के बारामूला के तारीपोरा व सुल्तानपोरा के जंगलों में आतंकवादियों से लोहा लेते शहीद हुए राइफलमैन कुलभूषण मांटा की उनके पैतृक गांव गौंठ में पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंत्येष्टि की गई। वीर सैनिक की पत्नी नीतू ने शहीद पति को सैल्यूट कर अंतिम विदाई दी। उस समय माहौल पूरी तरह गमगीन हो गया व अंतिम यात्रा में शामिल लोगों की आंखें छलक उठीं, वहीं बहन ने भी शहीद भाई को सैल्यूट कर अंतिम विदाई दी। सेना व पुलिस की टुकड़ी ने शहीद को सलामी दी।

जिला शिमला के कुपवी क्षेत्र की मझौली पंचायत के गौंठ गांव में शहीद की अंतिम यात्रा में हजारों लोग शामिल हुए। अंतिम यात्रा के दौरान हर आंख नम थी। शहीद को मुखाग्नि उसके चचेरे भाई शमशेर ने दी। प्रशासन की ओर से उपमंडलाधिकारी कुपवी नारायण सिंह चौहान, एसडीपीओ चौपाल राज कुमार, खंड विकास अधिकारी कुपवी विनीत ठाकुर व थाना प्रभारी कुपवी शिव शक्ति प्रशासन की ओर से उपस्थित रहे। जम्मू-कश्मीर के बारामूला के तारीपोरा और सुल्तानपोरा के जंगलों में एक आतंकी मुठभेड़ में कुपवी क्षेत्र की मझौली पंचायत के गौंठ निवासी कुलभूषण (26) पुत्र प्रताप शहीद हो गया था।
"जब तक सूरज चांद रहेगा तब तक कुलभूषण तेरा नाम रहेगा" के नारों से गूंजा गांव
देश के लिए शहादत पाने और अपना फर्ज निभाने वाले कुलभूषण की अंतिम यात्रा में हजारों लोग शामिल हुए एवं पूरा वातावरण "जब तक सूरज चांद रहेगा तब तक कुलभूषण तेरा नाम रहेगा" के नारों से गूंज उठा। कुलभूषण अपने पीछे 25 वर्षीय पत्नी नीतू, अढ़ाई महीने का बेटा, पिता प्रताप, माता दुर्मा देवी, 3 बहनें रेखा, किरण व रजनी सहित अन्य परिजनों को रोता बिलखता छोड़ गया है। कुलभूषण की शहादत के बाद उसके ससुराल चइंजन और ननिहाल घाला में भी मातम का माहौल है।
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