गरला देई सहकारी सभा में 30 लाख का गबन, 2 कर्मियों ने लगाया चूना

Edited By Vijay, Updated: 17 Jun, 2021 12:08 AM

fraud in garla dei cooperative society

देश में सहकारिता को बढ़ावा देने के लिए बिन सहकार नहीं उद्धार जैसा लोक लुभावन नारा तो दिया गया लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में सहकारिता को बढ़ावा देने के लिए स्थापित की गई सहकारी सभाओं में कुछ ऐसे लोग काबिज हो जाते हैं जो लोगों की छोटी-छोटी बचत को हड़प...

पालमपुर (प्रकाश ठाकुर): देश में सहकारिता को बढ़ावा देने के लिए बिन सहकार नहीं उद्धार जैसा लोक लुभावन नारा तो दिया गया लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में सहकारिता को बढ़ावा देने के लिए स्थापित की गई सहकारी सभाओं में कुछ ऐसे लोग काबिज हो जाते हैं जो लोगों की छोटी-छोटी बचत को हड़प कर सहकारिता आंदोलन के बढ़ते कदमों पर ब्रेक लगा देते हैं। सहकारिता के बढ़ रहे कदमों को रोकने का इसी प्रकार का एक मामला दी गरला देई कृषि सेवा सहकारी समिति में सामने आया है। सहकारी सभा के 2 कर्मियों ने पिछले 10-15 वर्षों में सभा में 30 लाख रुपए का गबन कर दिया है। वर्तमान में इस सभा में 600 से अधिक सदस्य हैं और सभा में प्रतिवर्ष लाखों रुपए का कारोबार होता है।

हर दिन गायब करते थे छोटी-छोटी रकम

दी गरला देई सहकारी सेवा समिति में वर्षों से चल रहे इस गोलमाल की भनक लगने पर पंजाब केसरी ने जो पुख्ता जानकारी जुटाई उसमें यह पता चला है कि सहकारी सेवा समिति के एक विक्रेता ने कुछ साल पहले समिति की कमाई में सेंधमारी शुरू की। हर दिन छोटी-छोटी रकम गायब करने से चंद वर्षों में यह राशि बढ़कर 20 लाख तक पहुंच गई। बड़ी बात तो यह है कि सहकारी सभाओं का हर साल सहकारिता विभाग के माध्यम से ऑडिट किया जाता है। ऑडिट में सभा में कैश कम जमा होने की गड़बड़ी पकड़ी गई। ऑडिट में सामने आई गड़बड़ी को पूरा करवाने के लिए चयनित समिति को कहा गया लेकिन समिति के सदस्यों ने पकड़ी गई गड़बड़ी की वसूली का प्रयास नहीं किया। नतीजा यह निकला कि गड़बड़ी का सिलसिला लगातार चलता रहा और गबन की राशि दिन-प्रतिदिन बढ़ती गई। इसके बाद समिति ने उक्त कर्मी को बाहर का रास्ता दिखा दिया और उसकी जगह नया कर्मचारी तैनात कर लिया।

गड़बड़ी करने के बाद भी सोसायटी के कर्ता-धर्ता नहीं सुधरे

निकाले गए पूर्व कर्मचारी द्वारा 20 लाख रुपए की गड़बड़ी करने के बाद भी सोसायटी के कर्ता-धर्ता नहीं सुधरे और जो अगला कर्मचारी रखा उसने भी समिति की कमाई को दीमक की तरह चाटने की शुरूआत नियुक्ति के कुछ अरसे बाद कर दी। बताते हैं कि करीब 4 सालों में उक्त कर्मचारी ने भी करीब 48,600 की राशि पर हाथ साफ  कर दिए। ऐसे में दोनों कर्मचारियों ने मिलकर सहकारी सभा की करीब 25 लाख रुपए की कमाई हड़प ली। इस राशि पर इतने वर्षों का ब्याज लगाया जाए तो सभा की यह राशि 30 लाख से ऊपर हो सकती है।

दोनों कर्मियों से वसूली की कार्रवाई शुरू : सहायक पंजीयक

सहायक पंजीयक सहकारी सभाएं पालमपुर सुरजीत सिंह राणा ने माना कि गरला देई सहकारी सभा में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है। उन्होंने बताया कि मौजूदा कर्मचारी से प्रतिमाह 10 हजार रुपए वसूलने शुरू किए हैं। अब तक 70 हजार रुपए की वसूली हो भी चुकी है लेकिन यह राशि बहुत कम है। समिति को कहा गया है कि कर्मचारी से तय समयावधि में बचे हुए 4.16 लाख रुपए पूरी तरह वसूले जाएं। इस मामले में विभाग ने 69 (1) की कार्रवाई पूरी कर ली है। पूर्व कर्मचारी को दोषी पाया गया है अब जल्द ही 69 (2) की कार्रवाई शुरू की जा रही है, जिसमें समिति के सदस्यों व सचिव की भूमिका की भी जांच की जाएगी। अगर इस जांच में ये लोग भी संलिप्त पाए जाएंगे तो गड़बड़ी की राशि को इन सब से भी वसूल करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। उन्होंने यह भी बताया कि फिलहाल गड़बड़ी करने वाले पूर्व कर्मचारी की अचल संपत्ति को विभाग ने अटैच कर लिया है। अगर उक्त कर्मचारी गबन की गई राशि को जमा नहीं करवाता है तो उक्त संपत्ति को नीलाम कर गबन की राशि की भरपाई की जाएगी।

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