Edited By Vijay, Updated: 08 Aug, 2024 11:09 PM
राज्य सरकार ने स्टडी लीव (अध्ययन अवकाश) को लेकर महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। इसके तहत अब स्टडी लीव पर जाने का फार्मूला बदल जाएगा।
शिमला (कुलदीप): राज्य सरकार ने स्टडी लीव (अध्ययन अवकाश) को लेकर महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। इसके तहत अब स्टडी लीव पर जाने का फार्मूला बदल जाएगा। वित्त विभाग की तरफ से इस बारे जारी अधिसूचना के अनुसार अब स्टडी लीव पर जाने वाले अधिकारी व कर्मचारी (प्रथम श्रेणी से लेकर चतुर्थ श्रेणी तक) का 60 फीसदी वेतन कटेगा। यानी उनको 40 फीसदी वेतन ही मिलेगा। इस दौरान महंगाई भत्ता (डीए) और हाऊस रैंट एलाऊंस का लाभ मिलता रहेगा। स्टडी लीव पहले की तरह 2 वर्ष के लिए स्वीकृत होगी, लेकिन इसको प्रशासनिक सचिव अपने स्तर पर स्वीकृत नहीं कर पाएंगे।
इससे संबंधित मामला पहले वित्त विभाग को भेजना होगा। वित्त विभाग यदि इसे सही पाता है, तो इसकी स्वीकृति मिल जाएगी। जिस अवधि में कोई अधिकारी या कर्मचारी स्टडी लीव पर देश या विदेश में होगा, उस समय वह कोई भी पार्ट टाइम नौकरी नहीं कर पाएगा। इसके लिए बाकायदा प्रमाण पत्र देना होगा, जिसमें पार्ट टाइम नौकरी नहीं करने का वचन देना होगा। स्कारशिप, स्टाइपंड या किसी तरह की अन्य वित्तीय लाभ लेने पर भी नियम प्रभावी होंगे।
विधानसभा में उठ चुका है स्टडी लीव मामला
स्टडी लीव को लेकर प्रशासनिक सेवा के कई अधिकारी निशाने पर रहे हैं। पूर्व स्वर्गीय वीरभद्र सिंह सरकार के समय वर्ष, 2016 में विधानसभा में उस समय विधायक रहे संजय रत्न यह मामला उठा चुके हैं। उस समय सरकार ने आदेश दिए थे कि राज्य में अब 50 वर्ष के बाद स्टडी लीव पर जाने की अनुमति नहीं मिलेगी। ऐसा इसलिए क्योंकि यदि कोई अधिकारी या कर्मचारी 50 वर्ष के बाद ऐसा करता है, तो उसकी सेवाओं का लाभ राज्य सरकार को बहुत कम समय के लिए मिल सकेगा। उस समय तर्क दिया गया था कि कई अधिकारी 50 से 55 वर्ष में इसके लिए आवेदन करते हैं, जिसका लाभ सरकार को नहीं मिल पाता।
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