मंडी में बाढ़ जैसे हालात: सुकेती खड्ड उफान पर..गाड़ियाँ पानी में डूबी, सड़कें बनीं नदियाँ

Edited By Jyoti M, Updated: 05 Aug, 2025 02:01 PM

flood like situation in mandi suketi khad in spate

हिमाचल प्रदेश में पिछले 24 घंटों से हो रही मूसलाधार बारिश ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। खासकर मंडी जिले में स्थिति चिंताजनक है, जहाँ भारी बारिश के कारण कई इलाकों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। इस मॉनसून सीजन में पहली बार सुकेती खड्ड अपने पूरे...

हिमाचल डेस्क। हिमाचल प्रदेश में पिछले 24 घंटों से हो रही मूसलाधार बारिश ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। खासकर मंडी जिले में स्थिति चिंताजनक है, जहाँ भारी बारिश के कारण कई इलाकों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। इस मॉनसून सीजन में पहली बार सुकेती खड्ड अपने पूरे उफान पर है, जिसके कारण बल्ह घाटी पूरी तरह से पानी में डूब गई है। गुटकर में भी खड्ड का पानी सड़कों तक पहुँच गया है, जिससे आवाजाही में भारी परेशानी हो रही है। लूणापानी में तो सड़क पर इतना पानी बह रहा है कि वह किसी नदी जैसा लग रहा है।

मंडी जिले के बल्ह इलाके में सुकेती नदी के उफान से कई गांव और कस्बे जलमग्न हो गए हैं। गुटकर में एक अस्पताल के सामने पार्किंग में खड़ी तीन गाड़ियाँ पानी में डूब गईं। लोगों ने किसी तरह रस्सियों की मदद से गाड़ियों को बहने से रोका। पूरी रात हुई तेज बारिश से सुकेती और ब्यास नदी के संगम पर स्थित पंचवक्त्र मंदिर का आंगन भी पानी से भर गया है, जो स्थिति की गंभीरता को दर्शाता है।

बारिश के कारण राज्य में कई स्थानों पर भूस्खलन और सड़कों के बंद होने की खबरें हैं। चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाईवे पंडोह से आगे रात एक बजे से बंद है, जिससे यात्रियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। पंडोह में ज्युनी घाटी (जहल) में अचानक आई बाढ़ (फ्लैश फ्लड) से लोट, स्लोग, कटयास और भनाच गांवों में दहशत का माहौल है। वहीं, सराज घाटी में भी थुनाग और गोहर में खड्डों और नालों का जलस्तर तेजी से बढ़ गया है, जिससे लोग चिंतित हैं।

स्कूलों को किया गया बंद

भारी बारिश और मौसम विभाग द्वारा जारी ऑरेंज अलर्ट के मद्देनजर, गोहर उपमंडल के सभी शीतकालीन स्कूलों को 5 और 6 अगस्त 2025 के लिए बंद रखने का आदेश जारी किया गया है। यह फैसला छात्रों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। गोहर के उपमंडलाधिकारी (एसडीएम) बचित्तर सिंह ठाकुर ने आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा 30 के तहत यह आदेश जारी किया। आदेश में स्पष्ट किया गया है कि पहाड़ी क्षेत्रों में भूस्खलन, सड़क अवरोध और बाढ़ जैसी घटनाओं की संभावना है, जिससे स्कूली बच्चों की सुरक्षा को खतरा हो सकता है। हालांकि, स्कूलों के सभी शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों को इन कार्यदिवसों में स्कूल में उपस्थित रहना अनिवार्य होगा। यह स्थिति दिखाती है कि हिमाचल प्रदेश में मॉनसून अपने चरम पर है और लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है। प्रशासन लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए है और लोगों से सुरक्षित स्थानों पर रहने की अपील कर रहा है।

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