Edited By Vijay, Updated: 01 May, 2022 11:50 PM

शिमला में जंगल की आग से पूरा शहर धुआं-धुआं हो गया है। रविवार को सुबह के समय बालिका आश्रम टूटीकंडी के चारों ओर जंगल में आग लग गई। आग ने आश्रम को चारों ओर से घेर लिया था। आश्रम में धुआं भरने से बच्चे सहम गए और आग को आश्रम के करीब आते देखकर वे इधर-उधर...
शिमला (भूपिन्द्र): शिमला में जंगल की आग से पूरा शहर धुआं-धुआं हो गया है। रविवार को सुबह के समय बालिका आश्रम टूटीकंडी के चारों ओर जंगल में आग लग गई। आग ने आश्रम को चारों ओर से घेर लिया था। आश्रम में धुआं भरने से बच्चे सहम गए और आग को आश्रम के करीब आते देखकर वे इधर-उधर भागने लगे। बच्चे इतने भयभीत थे कि कुछ बड़ी लड़कियों ने तो छोटे बच्चों को गोद में उठाकर भागना शुरू किया। इससे वहां पर कुछ देर के लिए अफरा-तफरी का माहौल बन गया, लेकिन वहां मौजूद स्टाफ ने बच्चों को शांत किया तथा एक स्थान पर बिठा दिया।

73 बच्चियों को मशोबरा आश्रम में भेजा
हालांकि शाम तक वन विभाग ने आग पर काबू पा लिया था लेकिन राज्य बाल संरक्षण सोसायटी ने आश्रम में रह रही लगभग 73 बच्चियों को मशोबरा आश्रम में स्थानांतरित कर दिया। इन्हें सरकार के आगामी आदेशों तक मशोबरा में ही रखा जाएगा। इसकी पुष्टि राज्य बाल संरक्षण सोसायटी के जिला कार्यक्रम अधिकारी शिमला इरा तंवर ने की है। उन्होंने बताया कि एहतिहात के तौर पर आश्रम के सभी बच्चों को मशोबरा शिफ्ट किया गया है। इसके अलावा शिमला शहर में मेहली, ब्योलिया के जंगलों भी आग लगी है। इससे दिनभर पूरे शहर को धुएं ने ढके रखा। इससे शहरवासियों विशेषकर श्वास रोगियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
प्रदेश में अब तक जंगल की आग के 877 मामले
उधर, समूचे प्रदेश में जंगल की आग का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। प्रदेश में अब तक जंगल की आग के 877 मामले आ चुके हैं जबकि गत दिन यानी शनिवार को यह आंकड़ा 862 था। हिमाचल में जंगल की आग से 1.84 करोड़ रुपए की वन संपदा को नुक्सान हो चुका है। आग से राज्य में गत एक माह में 6961.75 हैक्टेयर वन भूमि प्रभावित हुई है।
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