Edited By kirti, Updated: 20 Oct, 2019 10:10 AM
मौत ही खींच लाई थी उसे होली। वास्तव में एक जलविद्युत परियोजना के आवासीय परिसर में लगी आग से जलकर मरे सुनील कुमार को होली में काम की तलाश में आना ही महंगा पड़ गया। असल में सुनील अपने किसी गांव निवासी के साथ होली में काम की तलाश में आया था मगर उसने...
भरमौर(उत्तम): मौत ही खींच लाई थी उसे होली। वास्तव में एक जलविद्युत परियोजना के आवासीय परिसर में लगी आग से जलकर मरे सुनील कुमार को होली में काम की तलाश में आना ही महंगा पड़ गया। असल में सुनील अपने किसी गांव निवासी के साथ होली में काम की तलाश में आया था मगर उसने सोचा ही नहीं होगा कि अचानक उसे आग की लपटों में अपने प्राण गंवाने पड़ेंगे। जिस साथी के साथ वह यहां आया था, वह कम्पनी के किसी ठेकेदार के साथ यहां काम करता था तथा उसका भी फाइनल हो चुका था।
कुछ मजदूरी लेने को थी तथा अपना सामान यहां से ले जाने आया था तो सुनील भी उसके साथ यहां आ गया। गत रात खुशी-खुशी खाना आदि खाकर सो गए। उस कालोनी में लगभग पचास मजदूर सो रहे थे, जो क्वार्टरों की स्थिति से भली भांति परिचित थे कि दरवाजा किस ओर है। रात लगभग एक बजे अचानक लगी आग के कारण सभी लोग दरवाजे से बाहर निकल गए। सुनील के साथी ने सुनील को जगाया और बाहर भागने को कहा। शायद नींद के कारण झुंझलाए सुनील को बाहर निकलने के लिए दरवाजे का पता नहीं चला।
अनजान जगह होने के चलते बढ़ते हुए धुएं के कारण दरवाजे तक पहुंचने में वह कामयाब नहीं हो पाया और दरवाजे तलाशने की जद्दोजहद के बीच ही वह आग की चपेट में आ गया। इस बीच आसपास की कालोनियों से भी मजदूर वहां इकट्ठे हो गए। सुनील के साथी ने भी सोचा कि सुनील भी बाहर निकल आया होगा और यही कहीं भीड़ में होगा मगर जब आग बुझ गई तो अंदर सुनील की अधजली लाश मिली। मौके पर मौजूद लोगों का कहना था कि शायद मौत ही उसे होली खींच कर लाई थी।