Edited By Vijay, Updated: 29 Sep, 2023 09:16 PM

ऊना जिला के उपमंडल गगरेट का बहुचर्चित प्रतिबंधित दवा तस्करी मामला आखिरकार स्टेट सीआईडी के सुपुर्द कर दिया गया है। शुक्रवार को इस केस से जुड़ी फाइल सीआईडी के अधिकारियों ने अपने पास ले ली है।
गगरेट (बृज): ऊना जिला के उपमंडल गगरेट का बहुचर्चित प्रतिबंधित दवा तस्करी मामला आखिरकार स्टेट सीआईडी के सुपुर्द कर दिया गया है। शुक्रवार को इस केस से जुड़ी फाइल सीआईडी के अधिकारियों ने अपने पास ले ली है। इस मामले में अब आगे की तफ्तीश स्टेट सीआईडी करेगी। बेशक इस मामले की जांच गहनता से जिला पुलिस भी कर रही थी लेकिन आरोपियों से पुलिस रिमांड के दौरान एक साथ पूछताछ न हो पाना भी इस मामले को स्टेट सीआईडी को ट्रांसफर करने का आधार बना है। कुछ दिन पहले ही ट्रांसपोर्ट के माध्यम से आई प्रतिबंधित दवाओं की खेप को एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स ने उस समय रंगे हाथ पकड़ा था जब इस खेप को ले जाने के लिए ट्रांसपोर्ट में ही 2 लोग आए थे। इसके बाद इस मामले की जांच का जिम्मा जिला पुलिस को सौंप दिया गया और जिला पुलिस ने न सिर्फ उस व्यक्ति को गिरफ्तार किया जिसके नाम से दवाइयों के बिल थे बल्कि व्हाट्सएप मैसेज के आधार पर उस पार्षद को भी गिरफ्तार किया गया जिसे इस पूरे प्रकरण का किंगपिन बताया जा रहा है।
हाई प्रोफाइल इस मामले में पुलिस ने आरोपियों का 6 दिन का पुलिस रिमांड भी हासिल किया लेकिन इस दौरान सभी आरोपियों से एक साथ पूछताछ नहीं की जा सकी। यही नहीं, पुलिस रिमांड के दौरान न तो मोड ऑफ पेमैंट का पता लगा सकी और न ही यह पता लगाया जा सका कि प्रतिबंधित दवाइयों की खेप आगे कहां भेजी जाती थी। बेशक जिला पुलिस की एक टीम इन दवाइयों को भेजने वाले का पता लगाने के लिए दिल्ली भी गई लेकिन वहां भी पुलिस के हाथ कुछ खास नहीं लगा। इसी बीच पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू ने मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए यह मामला जिला पुलिस से लेकर स्टेट सीआईडी के सुपुर्द कर दिया।
उम्मीद जताई जा रही है कि स्टेट सीआईडी इस मामले को सुलझाने के लिए आरोपियों का फिर से पुलिस रिमांड हासिल करने को न्यायालय का रुख कर सकती है। जिला पुलिस की तफ्तीश में इस बात का तो खुलासा हुआ है कि प्रतिबंधित दवाइयों के ऐसे पार्सल अक्सर आते रहते थे। इससे पता चल रहा है कि किस प्रकार प्रतिबंधित दवाइयों की तस्करी का गगरेट कस्बा प्रमुख अड्डा बना हुआ था। उधर, एएसपी संजीव भाटिया का कहना है कि प्रतिबंधित दवा तस्करी मामले की फाइल सीआईडी के सुपुर्द की जा रही है। अब आगे की जांच स्टेट सीआईडी ही करेगी।
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