Edited By Jyoti M, Updated: 05 Oct, 2024 04:27 PM
जालंधर के अंकित खन्ना और उनके छह साल के बेटे राघव खन्ना ने एक अनोखी दंडवत यात्रा की है, जो श्रद्धा और भक्ति का जीवंत उदाहरण है। हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले में स्थित प्रसिद्ध शक्तिपीठ चिंतपूर्णी मंदिर तक पहुंचने के लिए दोनों ने दंडवंत यात्रा की...
हिमाचल डेस्क। जालंधर के अंकित खन्ना और उनके छह साल के बेटे राघव खन्ना ने एक अनोखी दंडवत यात्रा की है, जो श्रद्धा और भक्ति का जीवंत उदाहरण है। हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले में स्थित प्रसिद्ध शक्तिपीठ चिंतपूर्णी मंदिर तक पहुंचने के लिए दोनों ने दंडवंत यात्रा की ओर पिता के साथ बेटे ने भी बराबर साथ दिया।
यात्रा की शुरुआत
अंकित खन्ना ने इस यात्रा की शुरुआत मां चिंतपूर्णी के प्रति अपनी श्रद्धा और विश्वास के साथ की। उन्होंने बताया कि यह यात्रा माता रानी के आशीर्वाद से शुरू हुई है, और नवरात्र के पावन अवसर पर वे चाहते हैं कि माता रानी अपने सभी भक्तों की झोलियां भरें।
बाप-बेटे की भक्ति
राघव ने अपने पिता के साथ इस यात्रा में हिस्सा लिया, और दोनों बाप-बेटे की यह एकजुटता अन्य श्रद्धालुओं के लिए प्रेरणा बन गई। उनकी दंडवत यात्रा ने न केवल उनकी भक्ति को दर्शाया, बल्कि यह भी साबित किया कि छोटी उम्र में ही बच्चों में धार्मिकता और आस्था की भावना विकसित की जा सकती है।
श्रद्धालुओं की प्रतिक्रियाएँ
इस यात्रा के दौरान, अंकित और राघव को देख अन्य श्रद्धालु हैरान रह गए। कई श्रद्धालुओं ने उनकी भक्ति को सराहा और उनके लिए दुआएं कीं। इस यात्रा ने यह संदेश भी दिया कि सच्ची भक्ति और श्रद्धा के साथ किसी भी लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है।
पिता-पुत्र की यह दंडवत यात्रा सिर्फ एक धार्मिक यात्रा नहीं थी, बल्कि यह एक उदाहरण है कि भक्ति और समर्पण से किसी भी मुश्किल को पार किया जा सकता है। मां चिंतपूर्णी के दरबार में पहुंचकर अंकित और राघव ने न केवल अपनी आस्था को व्यक्त किया, बल्कि यह भी साबित किया कि परिवार के साथ मिलकर किए गए प्रयास हमेशा फलदायी होते हैं।
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