Shimla: विधानसभा के बाहर गरजे किसान, जमीन से बेदखली और अन्य मांगों को लेकर किया प्रदर्शन

Edited By Vijay, Updated: 20 Mar, 2025 09:46 PM

farmer protest in shimla

जमीन से बेदखली, भूमि नियमितिकरण और अन्य मांगों को लेकर प्रदेशभर से आए किसानों और बागवानों ने पंचायत भवन में एकत्रित होकर कूच किया और विधानसभा के बाहर चौड़ा मैदान में प्रदर्शन किया।

शिमला (संतोष): जमीन से बेदखली, भूमि नियमितिकरण और अन्य मांगों को लेकर प्रदेशभर से आए किसानों और बागवानों ने पंचायत भवन में एकत्रित होकर कूच किया और विधानसभा के बाहर चौड़ा मैदान में प्रदर्शन किया। हिमाचल किसान सभा एवं सेब उत्पादक संघ के तत्वावधान में आयोजित इस धरने में प्रदेश भर से लोगों ने भाग लिया। यहां किसानों व बागवानों से मिलने के लिए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू भी मंत्रियों के साथ पहुंचे और ज्ञापन लेते हुए मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने का आश्वासन दिया।

बेदखली करना जीने के अधिकार का उल्लंघन
किसान नेता और पूर्व विधायक राकेश सिंघा ने कहा कि सभी बेदखलियां नियमों की अवहेलना करके की जा रही है। पिछले 10 वर्षों में डीएफओ कोर्ट द्वारा सार्वजनिक पब्लिक परमिसिस एक्ट के तहत हजारों बेदखली आदेश दिए गए तथा हिमाचल के डिविजनल कमिश्नर और उच्च न्यायालय द्वारा उन्हें बरकरार रखा गया। सर्वोच्च न्यायालय ने अब इन्हें रद्द कर दिया है या हिमाचल उच्च न्यायालय को वापस भेज दिया गया है, लेकिन यह बेदखली अभी भी जारी है। किसान सभा के प्रदेशाध्यक्ष डाॅ. कुलदीप सिंह तंवर ने कहा कि दो वर्षों में बहुत बड़े पैमाने पर जमीनों का नुक्सान हुआ है और कुछ किसानों की सारी जमीन नष्ट हो चुकी है और यहां तक कि घर बनाने के लिए भी जमीन नहीं बच पाई है, ऐसे में बेदखली करना जीने के अधिकार का उल्लंघन है। सेब उत्पादक संघ के सह-संयोजक संजय चौहान , किसान सभा के पूर्व महासचिव डा. ओंकार शाद सहित जिलों से आए किसान नेताओं मंडी से कुशाल भारद्वाज, कुल्लू से नारायण चौहान, पूर्ण ठाकुर, रामपुर से देवकी नंद, कांगड़ा से सतपाल, सिरमौर से राजेंद्र ठाकुर ने संबोधित किया। 28 अप्रैल को उपमंडल, खंड, तहसील स्तर पर किसान प्रदर्शन करेंगे।

राज्य सरकार किसी भी सूरत में किसानों को नहीं उजड़ने देगी : मुख्यमंत्री
धरना-प्रदर्शन के बीच में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने चौड़ा मैदान में हिमाचल प्रदेश किसान सभा के प्रतिनिधिमंडल से बात की। इस अवसर पर किसान सभा की ओर से पूर्व विधायक राकेश सिंघा ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा। मुख्यमंत्री ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया कि राज्य सरकार उनकी मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करेगी। उन्होंने कहा कि किसानों और बागवानों का कल्याण सुनिश्चित करना वर्तमान राज्य सरकार की प्राथमिकता है और उन्हें किसी भी सूरत में उजड़ने नहीं दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि किसानों की जमीन को बचाने के लिए बजट में एग्रीकल्चर लोन इंटरैस्ट सबवेंशन स्कीम का प्रावधान किया गया है, जिसके तहत किसानों की जमीन को नीलाम होने से बचाया जाएगा। इस योजना के तहत 3 लाख रुपए कृषि लोन चुकाने के लिए बैंको के माध्यम से राज्य सरकार वन टाइम सैटलमेंट पॉलिसी लाएगी, जिसके अंतर्गत मूलधन पर लगने वाले ब्याज का 50 प्रतिशत हिस्सा राज्य सरकार देगी और इस योजना पर 50 करोड़ खर्च किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि उन्होंने स्वयं खेतीबाड़ी का काम किया है और उनकी माता आज भी गांव में खेती करती हैं। वह किसानों की समस्याओं से भलीभांति परिचित हैं और उनका समाधान करने का हरसंभव प्रयास किया जाएगा। इस अवसर पर राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी, शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर तथा तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी भी उपस्थित रहे।
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