चौंकाने वाला खुलासा: हिमाचल में कम उम्र की महिलाएं भी हो रही है ब्रेस्ट कैंसर का शिकार..

Edited By Jyoti M, Updated: 23 Jul, 2025 12:10 PM

even young women are becoming victims of breast cancer in himachal

हिमाचल प्रदेश में युवा महिलाओं में स्तन कैंसर का बढ़ता खतरा चिंता का विषय बन गया है। हाल ही में हुए एक अध्ययन से पता चला है कि राज्य में ब्रेस्ट कैंसर के मामलों में 22 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई है, और चौंकाने वाली बात यह है कि कम उम्र की महिलाएं भी...

हिमाचल डेस्क। हिमाचल प्रदेश में युवा महिलाओं में स्तन कैंसर का बढ़ता खतरा चिंता का विषय बन गया है। हाल ही में हुए एक अध्ययन से पता चला है कि राज्य में ब्रेस्ट कैंसर के मामलों में 22 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई है, और चौंकाने वाली बात यह है कि कम उम्र की महिलाएं भी इसकी चपेट में आ रही हैं।

यह खुलासा वर्ष 2024-25 में आईजीएमसी शिमला के कम्युनिटी मेडिसिन विभाग और कैंसर अस्पताल की संयुक्त रिसर्च यूनिट द्वारा शहरी और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में स्तन कैंसर के कारणों पर किए गए एक अध्ययन में हुआ है। इस अध्ययन में प्रदेशभर की 1000 से अधिक महिलाओं को शामिल किया गया था।

युवा महिलाओं में बढ़ रहा है खतरा

अध्ययन के अनुसार, राजधानी के टर्शरी कैंसर सेंटर में पिछले एक साल में 600 से अधिक महिलाएं स्तन कैंसर के इलाज के लिए पहुंचीं। इनमें से लगभग 30 प्रतिशत महिलाएं 40 वर्ष से कम उम्र की थीं, जो डॉक्टरों के लिए एक बड़ी चिंता का कारण है। कैंसर अस्पताल के ऑन्कोलॉजी विभाग के एचओडी डॉ. मनीष ने बताया कि युवा महिलाएं अक्सर स्तन कैंसर के शुरुआती लक्षणों को नज़रअंदाज़ कर देती हैं। इसका नतीजा यह होता है कि जब तक वे अस्पताल पहुंचती हैं, तब तक कैंसर काफी बढ़ चुका होता है, जिससे इलाज मुश्किल हो जाता है।

जागरूकता और नियमित जांच है बचाव का उपाय

डॉक्टरों का कहना है कि समय पर जांच, स्क्रीनिंग और जागरूकता ही स्तन कैंसर से बचाव के प्रमुख उपाय हैं। कई मामलों में जागरूकता की कमी के कारण बीमारी एडवांस स्टेज में पकड़ी गई। विशेषज्ञों ने सलाह दी है कि महिलाओं को मासिक स्व-परीक्षण (monthly self-examination) की आदत डालनी चाहिए और 30 वर्ष की उम्र के बाद हर साल ब्रेस्ट स्क्रीनिंग करवानी चाहिए।

जोखिम बढ़ाने वाले कारक

शोध में यह भी सामने आया है कि कुपोषण, एनीमिया और कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली (weak immune system) भी बीमारी को फैलने का मौका दे रही है। इसके अलावा, अनियमित जीवनशैली भी स्तन कैंसर के बढ़ते मामलों का एक प्रमुख कारण है। अध्ययन में पाया गया कि कैंसर से पीड़ित अधिकांश महिलाओं की दिनचर्या असंतुलित थी। अत्यधिक मानसिक तनाव, नींद की कमी, प्रोसेस्ड भोजन (processed food) और शारीरिक गतिविधियों की कमी जैसे कारकों ने रोग की संभावना को बढ़ाया है। मोटापा और हार्मोनल असंतुलन (hormonal imbalance), विशेष रूप से अनियंत्रित शुगर लेवल भी प्रमुख कारणों में से एक रहा।

विशेषज्ञों का कहना है कि अब स्तन कैंसर केवल अधेड़ उम्र की बीमारी नहीं रही, बल्कि कम उम्र की महिलाएं भी इसकी चपेट में आ रही हैं। इसलिए, सभी उम्र की महिलाओं को स्तन स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहना और नियमित जांच करवाना अत्यंत आवश्यक है।

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