Edited By Vijay, Updated: 21 Sep, 2024 06:28 PM
पर्यावरणविद् सोनम वांगचुक की हिमालय संरक्षण और लद्दाख में लोकतंत्र की बहाली की मांग को लेकर चल रही पदयात्रा शनिवार को मंडी पहुंची।
मंडी (रजनीश): पर्यावरणविद् सोनम वांगचुक की हिमालय संरक्षण और लद्दाख में लोकतंत्र की बहाली की मांग को लेकर चल रही पदयात्रा शनिवार को मंडी पहुंची। इस यात्रा का स्थानीय संगठनों ने जोरदार स्वागत किया। सोनम वांगचुक ने बताया कि हिमालय पर्यावरण के नजरिए से नाजुक है, इसका संरक्षण कैसे होना चाहिए इसके लिए सरकार के साथ-साथ लोगों को जागरूक होना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि विकास के नाम पर पहाड़ों की तबाही का खेल बंद होना चाहिए। हिमालय की व्यथा को समझने की जरूरत है। अगर विकास जरूरी है तो पहाड़ों का विनाश नहीं होना चाहिए।
सोनम वांगचुक ने लद्दाख में धारा 370 हटने के बाद लोकतंत्र की बहाली की भी मांग की। उन्होंने कहा कि विकास में स्थानीय लोगों की भागीदारी नहीं हो पा रही है। उन्होंने कहा कि सड़कें बनने से विकास नहीं होता है। विकास में स्थानीय लोगों की हिस्सेदारी होनी चाहिए। सोनम वांगचुक ने जलवायु परिवर्तन के खतरों की ओर भी ध्यान दिलाया। उन्होंने कहा कि वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि अगर कार्बन उत्सर्जन को नियंत्रित नहीं किया गया तो आने वाले पांच सालों में प्रलय आ सकता है। उन्होंने क्लाइमेट क्लॉक का उदाहरण देते हुए कहा कि हमारे पास पर्यावरण को बचाने के लिए बहुत कम समय बचा है।
सोनम वांगचुक की इस पदयात्रा का उद्देश्य लोगों को हिमालय के संरक्षण और लद्दाख में लोकतंत्र की बहाली के लिए जागरूक करना है। उन्होंने कहा कि हिमालय के लोगों को जागरूक होना जरूरी है, तभी राजनीतिज्ञ भी पर्यावरण के प्रति संवेदनशील होंगे।
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