हिमाचल : CM ने मांगों को लेकर दिया ये आश्वासन, डॉक्टरों ने खत्म की पैन डाऊन स्ट्राइक

Edited By Vijay, Updated: 03 Jun, 2023 06:10 PM

ends pen down strike of doctors

प्रदेश के मेडिकल काॅलेजों व अस्पतालों में डाॅक्टरों की पैन डाऊन स्ट्राइक खत्म हो गई है। शनिवार को प्रदेश सचिवालय में डाॅक्टरों की मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह व स्वास्थ्य मंत्री डाॅ. कर्नल धनीराम शांडिल के साथ बैठक हुई। मुख्यमंत्री ने कहा कि नए भर्ती...

शिमला (जस्टा): प्रदेश के मेडिकल काॅलेजों व अस्पतालों में डाॅक्टरों की पैन डाऊन स्ट्राइक खत्म हो गई है। शनिवार को प्रदेश सचिवालय में डाॅक्टरों की मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह व स्वास्थ्य मंत्री डाॅ. कर्नल धनीराम शांडिल के साथ बैठक हुई। मुख्यमंत्री ने कहा कि नए भर्ती होने वाले डाॅक्टरों के लिए (एनपीए) यानी नॉन प्रैक्टिसिंग अलाऊंस को बंद नहीं किया गया है बल्कि इसे विद्ड्रा किया गया है। डाॅक्टरों की जो मांगें हैं उन्हें पूरा किया जाएगा। डाॅक्टरों की सभी एसोसिएशन एचएमओए, सैमडीकॉट, रैजिडैंट्स व पशुपालन डाॅक्टर ने मुख्यमंत्री के आश्वासन के बाद अपनी पैन डाऊन स्ट्राइक को वापस लिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जब प्रदेश में नए डाॅक्टरों की भर्ती होगी तो उस दौरान एनपीए को लेकर बेहतरीन निर्णय लिया जाएगा। वहीं मुख्यमंत्री ने जो प्रिंसीपल की शक्तियों को ज्वांइट डायरैक्टर को देने की मांग है, उसमें भी सुधार करने की बात कही है। 

डाॅक्टरों ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि एश्योर्ड कैरियर प्रोगैशन स्कीम एसीपीएस 4-9-14 जो टाइम स्केल डाॅक्टर को मिलता था वह 3 जनवरी, 2022 से बंद किया गया है। उसको दोबारा से बहाल करने व विशेषज्ञ चिकित्सा अधिकारियों को दी जाने वाली स्नातकोत्तर प्रोत्साहन राशि में कई वर्षों से वृद्धि नहीं की गई है। इसे या तो बढ़ाकर पीजी डिग्री के लिए 7000 रुपए से 25000 और पीजी डिप्लोमा स्पैशलिस्ट मौजूदा के लिए 3500 से 20000 या इसे पंजाब सरकार द्वारा दी गई एक निश्चित राशि की बजाय मूल के प्रतिशत के संदर्भ में अनुदान दें। इसके अलावा चिकित्सा अधिकारियों की वरिष्ठता सूची जारी की जाए और डीएचएस से लेकर बीएमओ स्तर तक के सभी पदों की डीपीसी जल्द से जल्द की जाए, वहीं 4 भारतीय सार्वजनिक स्वास्थ्य मानकों और विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानदंडों के अनुसार चिकित्सा अधिकारियों के मौजूदा कैडर को 2500 से बढ़ाकर 7000 किया जाना चाहिए। 

सभी नए मेडिकल काॅलेजों में फैकल्टी की स्थिति 100 एमबीबीएस सीटों के अनुसार है जबकि इन पदों के निर्माण के बाद ईडब्ल्यूएस उम्मीदवारों को समायोजित करने के लिए एमबीबीएस सीटों की संख्या बढ़ाकर 120 हो गई है, जिसके परिणामस्वरूप फैकल्टी और एसआर पदों की कमी है। इसलिए एनएमसी के अगले उच्च स्लैब के अनुसार सभी 4 नए मेडिकल काॅलेजों में प्रति वर्ष 150  छात्रों के नए पद सृजित किए जाने चाहिए। मुख्यमंत्री ने इन सभी मांगों पर विचार करने के बाद पूरा करने का आश्वासन दिया है। 

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