Edited By Vijay, Updated: 26 Dec, 2025 10:42 PM

देश के प्रतिष्ठित स्वास्थ्य संस्थान आईजीएमसी में डाॅक्टर-मरीज मारपीट मामले में डाॅक्टरों ने अब सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का निर्णय ले लिया है।
शिमला (संतोष): प्रदेश के प्रतिष्ठित स्वास्थ्य संस्थान आईजीएमसी में डाॅक्टर-मरीज मारपीट मामले में डाॅक्टरों ने अब सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का निर्णय ले लिया है। हालांकि डाॅक्टरों के एक प्रतिनिधिमंडल ने शुक्रवार सुबह ओकओवर में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से भेंट की और मामले की जांच शुरू करने के सीएम से मिले आश्वासन के बाद शाम को रैजीडैंट डाॅक्टर एसोसिएशन ने अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का निर्णय ले लिया है, जिसका एचएमओए व अन्य एसोसिएशनों ने समर्थन किया है, ऐसे में 27 दिसम्बर सुबह 9.30 बजे से ओपीडी व अन्य सेवाएं बंद रहेंगी, जबकि सिर्फ आपातकालीन सेवाएं ही सुचारू रूप से मिल सकेंगी।
जानकारी के अनुसार आईजीएमसी की रैजीडैंट डाक्टर एसोसिएशन, एचएमओए हिमाचल प्रदेश और सैमडिकोट शिमला ने मुख्यमंत्री से ओकओवर में मुलाकात की और घटना से संबंधित तथ्यों पर विस्तार से चर्चा की गई। इस दौरान मुख्यमंत्री ने सभी सबूतों को ध्यान में रखते हुए उक्त मामले की जांच शुरू करने का आश्वासन दिया। इसके अलावा आईजीएमसी शिमला में उक्त मामले से संबंधित सुरक्षा खामियों की भी गहराई से समीक्षा की गई, जिसके कारण आईजीएमसी शिमला में भीड़ द्वारा ट्रायल और मीडिया ट्रायल हुए, लेकिन आरडीए आईजीएमसी शिमला मांगों पर कायम है।
ये हैं आरडीए की प्रमुख मांगें
- डाॅ. राघव के खिलाफ जारी टर्मिनेशन ऑर्डर को तुरंत रद्द किया जाए।
- आईजीएमसी शिमला परिसर के अंदर भीड़ द्वारा डराने-धमकाने/ट्रायल की एक घटना हुई, जिसने स्वास्थ्य पेशेवरों की सुरक्षा और काम के माहौल को गंभीर रूप से खतरे में डाल दिया और अस्पताल के सामान्य कामकाज को बाधित किया। यह मांग की जाती है कि बीएनएस की धारा 351, 351(3), 352, 61, 62, 190, 191 के तहत तुरंत एफआईआर दर्ज की जाए और कानूनी कार्रवाई शुरू की जाए।
- कथित तौर पर भीड़ द्वारा सरकारी संपत्ति की तोड़फोड़ की गई। यह मांग की जाती है कि लागू कानूनों के अनुसार अपराधियों के खिलाफ तुरंत कानूनी कार्रवाई शुरू की जाए।
- कथित तौर पर नरेश दास्टा द्वारा डा. राघव की जान को सीधा खतरा और उन्हें देश छोड़ने के लिए मजबूर करने की धमकी दी गई। यह मांग की जाती है कि बीएनएस की धारा 351, 351(3), 352, 61, 62, 190, 191 के तहत तुरंत मामला दर्ज किया जाए और उचित कानूनी कार्रवाई शुरू की जाए।
- आईजीएमसी शिमला में पहले उजागर की गई सीसीटीवी कवरेज की कमियों और सुरक्षा खामियों को लागू न करने के संबंध में एक व्यापक समीक्षा और जवाबदेही तय करने की मांग की जाती है जबकि पहले गैप एनालिसिस किया गया था, जिसने कथित तौर पर इस गंभीर घटना में योगदान दिया।
मांगें न मानने तक जारी रहेगी अनिश्चितकालीन हड़ताल : डाॅ. सोहेल
आईजीएमसी शिमला की आरडीए अध्यक्ष डाॅ. सोहेल शर्मा ने कहा कि आरडीए की जनरल हाऊस और अन्य मेडिकल एसोसिएशन के साथ हुई बैठक के बाद निर्णय लिया गया है कि शनिवार सुबह 9.30 बजे से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू की जाएगी।
एचएमओए का आरडीए काे पूर्ण समर्थन : डाॅ. विकास
हिमाचल मेडिकल ऑफिसर्स एसोसिएशन (एचएमओए) के महासचिव डाॅ. विकास ठाकुर व सैमडिकोट शिमला के अध्यक्ष डा. बलवीर वर्मा ने कहा कि आरडीए का पूर्ण समर्थन करता है और इस अनिश्चितकालीन हड़ताल में भी साथ हैं और इसमें सक्रिय रूप से शामिल रहेगी।
देश व प्रदेश की विभिन्न एसोसिएशनों का आरडीए को मिल रहा समर्थन
इस मामले के लाइमलाइट में आने के बाद आरडीए द्वारा शुरू किए गए विरोध के बाद अब प्रदेश व देश की विभिन्न एसोसिएशनों का सहयोग मिलने लगा है। एचएमओए, सैमडिकोट, लद्दाख मेडिकल एसोसिएशन के बाद अब प्रदेश संयुक्त कर्मचारी संघ, आईएमए, ऑल इंडिया एसोसिएशन ऑफ कम्युनिटी हैल्थ ऑफिसर्स एचपी, फैकल्टी आफ रैजीडैंट एसोसिएशन इंडिया, छत्तीसगढ़ इन सर्विस डाॅक्टर एसोसिएशन, एम्ज दिल्ली आदि का समर्थन मिल रहा है।
डाॅक्टर द्वारा मरीज से मारपीट की पीएम तक पहुंची गूंज
प्रदेश की राजधानी शिमला स्थित आईजीएमसी में डाॅक्टर-मरीज प्रकरण की गूंज अब दिल्ली तक पहुंच गई है। मामला अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संज्ञान में भी लाया गया है। इस मामले को लेकर प्रधानमंत्री को पत्र भेजा गया है और पूरे प्रकरण की जानकारी इसमें दी गई है। हालांकि पीएम व पीएमओ कार्यालय से अभी तक इस पत्र के बारे में कोई आधिकारिक तौर बयान सामने नहीं आया है, लेकिन समूचे राज्य के साथ यह मामला देशभर में गूंज रहा है।