Edited By Vijay, Updated: 05 Nov, 2024 11:48 AM
एम्स बिलासपुर में आपातकालानी वार्ड मौजूदा समय में छोटा पड़ गया है, जिस कारण एम्स में कार्यरत चिकित्सकों सहित नर्सिंग स्टाफ को भी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
बिलासपुर (बंशीधर शर्मा): एम्स बिलासपुर में आपातकालानी वार्ड मौजूदा समय में छोटा पड़ गया है, जिस कारण एम्स में कार्यरत चिकित्सकों सहित नर्सिंग स्टाफ को भी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। जानकारी के अनुसार एम्स बिलासपुर में मौजूदा समय आपातकाल में केवल 55 बिस्तरों की ही सुविधा है। वर्ष 2021 में बिलासपुर में एम्स शुरू हुआ था। तब से लेकर अब तक एम्स में सुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है। यहां पर मौजूदा समय 38 विभाग कार्यरत हैं जिसके तहत विभिन्न ओपीडी में लोगों को 17 स्पैशलिस्ट और 13 सुपर स्पैशलिस्ट सहित अन्य डाक्टर तैनात हैं। 750 बिस्तर की क्षमता वाले एम्स में मौजूदा समय 690 बिस्तर की सुविधा मरीजों को दी जा रही है।
एम्स में प्रतिदिन आ रहे 70 मरीज
एम्स में प्रतिदिन प्रदेश के विभिन्न जिलों व बिलासपुर जिले से करीब 70 मरीज रैफर होकर पहुंचते हैं, जिस कारण कई बार मरीजों को दूसरे वार्डों में शिफ्ट करना पड़ता है। इस समस्या हो देखते हुए एम्स प्रशासन ने यहां पर 300 बिस्तरों का ट्रामा सैंटर बनाने का निर्णय लिया है ताकि यहां पर आने वाले मरीजों को एम्स के अनुसार चिकित्सा सुविधा मिल सके। इसके लिए एम्स प्रशासन को सैद्धांतिक मंजूरी मिल चुकी है। सैद्धांतिक मंजूरी मिलने के बाद एम्स प्रशासन ने इसके लिए आगामी प्रक्रिया शुरू कर दी है तथा डीपीआर बनाकर मंजूरी के लिए उच्चाधिकारियों को भेजी जाएगी। वहां से हरी झंडी मिलने के बाद एम्स प्रशासन ट्रामा सैंटर बनाने की प्रक्रिया शुरू करेगा।
355 बिस्तर की हो जाएगी क्षमता
300 बिस्तर का ट्रामा सैंटर बनने के बाद एम्स में आपातकाल वार्ड में 355 बिस्तर हो जाएंगे। एम्स के आपातकाल वार्ड में 13 नर्सिंग ऑफिसर, 4 जूनियर रैजीडैंट डाॅक्टर, 7 डाॅक्टर और 10 विशेषज्ञ डाॅक्टर ऑन डिमांड आपातकाल में अपनी सेवाएं देते हैं। एम्स में अधिकतर मरीज बिलासपुर, कुल्लू, मंडी, ऊना व लाहौल-स्पीति से रैफर होकर आते हैं।
क्या कहते हैं एम्स बिलासपुर के कुलसचिव
एम्स बिलासपुर के कुलसचिव राकेश कुमार ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा एम्स में और स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है। इसी कड़ी में यहां पर 300 बिस्तर का ट्रामा सैंटर बनाया जाएगा। इसके लिए औपचारिकताएं पूरी की जा रही हैं। मौजूदा समय प्रदेश से करीब 70 मरीज रोज रैफर होकर एम्स के आपातकाल में आते हैं।
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