Edited By Vijay, Updated: 11 Apr, 2025 05:06 PM

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश में 2400 करोड़ रुपए की लागत से नए पर्यटन स्थल विकसित करने का निर्णय लिया है, जिसके पहले चरण में वैलनैस सैंटर स्थापित किए जाएंगे।
शिमला (ब्यूरो): मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश में 2400 करोड़ रुपए की लागत से नए पर्यटन स्थल विकसित करने का निर्णय लिया है, जिसके पहले चरण में वैलनैस सैंटर स्थापित किए जाएंगे। सरकार राज्य में 3 से 7 सितारा श्रेणी के 200 होटल विकसित करने के लिए निजी क्षेत्र को प्रोत्साहित कर रही है। ये होटल अंतर्राष्ट्रीय स्तर की स्वास्थ्य और वैलनैस सुविधाओं से लैस होंगे, जिनसे सैलानियों को बेहतर सुविधाएं प्राप्त होंगी। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह ने नई दिल्ली से वर्चुअल माध्यम से जिला बिलासपुर के लिए 8 प्रमुख विकासात्मक परियोजनाओं के लोकार्पण करने के अवसर पर अपने संबोधन में यह बात कही। उन्होंने मुख्य रूप से बिलासपुर में कोल डैम में जल क्रीड़ा गतिविधियों का शुभारम्भ और बिलासपुर जिला उपायुक्त कार्यालय में 70 लाख रुपए की लागत से निर्मित 110 किलोवाट क्षमता के सौर ऊर्जा चालित रूफटॉप प्लांट का लोकार्पण किया। इस रूफटॉप प्लांट की स्थापना से यह उपायुक्त कार्यालय हिमाचल का पहला हरित उपायुक्त कार्यालय बना है।
पर्यटन क्षेत्र को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही सरकार
मुख्यमंत्री ने 4.5 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित शहरी आजीविका केंद्र, 40 लाख रुपए की लागत से निर्मित 4 स्पेस प्रयोगशालाएं तथा 2.5 करोड़ रुपए की लागत से बने मॉडल करियर सैंटर को भी क्षेत्र की जनता को समर्पित किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि गोविंद सागर झील क्षेत्र में आरम्भ की जा रही जल आधारित साहसिक गतिविधियों से क्षेत्र में पर्यटन गतिविधियों को प्रोत्साहन मिलेगा। इसके साथ-साथ बिलासपुर पर्यटन मानचित्र पर उभरेगा, जिससे स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य में पर्यटन क्षेत्र को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है। यह राज्य की आय सृजन के लिए सबसे बड़ा क्षेत्र है, जिससे जीएसटी आय का एक बड़ा हिस्सा भी प्राप्त होता है। राज्य में धार्मिक, पारंपरिक और प्राकृतिक, जल, स्वास्थ्य पर्यटन आदि को एकीकृत कर यहां आने वाले पर्यटकों के लिए आकर्षक पर्यटन पैकेज तैयार किए जा रहे हैं।
श्री नयनादेवी के लिए 100 करोड़ की योजना
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य में धार्मिक और ईको पर्यटन को भी बड़े स्तर पर बढ़ावा देने जा रही है। श्री नयनादेवी जी मंदिर में सुविधाओं के उन्नयन पर 100 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा धर्मशाला में 200 करोड़ रुपए की लागत से अत्याधुनिक कन्वैंशन सैंटर भी बनाया जाएगा। गोविंद सागर झील सहित प्रदेश के अन्य जलाशयों में क्रूज, शिकारा, हाऊस बोट, जैट स्की, मोटर बोट और वाटर स्कूटर जैसी सुविधाएं विकसित की जा रही हैं, जिनसे हिमाचल जल्द प्रमुख पर्यटन केंद्र बनकर उभरेगा।
होम स्टे व होटल निर्माण ऋण में 5 फीसदी सबसिडी
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य के युवाओं को होम स्टे और होटल निर्माण के लिए मिलने वाले ऋण पर 5 फीसदी सबसिडी प्रदान करने पर भी विचार कर रही है।
मंत्री राजेश धर्माणी ने जताया मुख्यमंत्री का आभार
तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी ने बिलासपुर के लिए 3 बड़ी परियोजनाएं समर्पित करने के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि बिलासपुर का उपायुक्त कार्यालय प्रदेश का पहला हरित उपायुक्त कार्यालय इस दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। इस कार्यालय परिसर में लगाए गए 110 किलोवाट के सौर ऊर्जा संयंत्र से प्रतिदिन 440 यूनिट और 13200 यूनिट मासिक बिजली उत्पादन होगा, जिससे बिजली के बिलों में सालाना लगभग 10 लाख रुपए की बचत होगी। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के अन्तर्गत बिलासपुर में 4.5 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित शहरी आजीविका केंद्र से स्थानीय युवाओं को रोजगार, कौशल प्रशिक्षण और स्वरोजगार के अवसरों से जोड़ा जाएगा। उपायुक्त आबिद हुसैन सादिक, विधायक सुंदर सिंह ठाकुर, पूर्व मंत्री रामलाल ठाकुर, पूर्व विधायक तिलक राज और बंबर ठाकुर सहित अन्य नेता इस अवसर पर उपस्थित थे।
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