Edited By Vijay, Updated: 30 Oct, 2024 10:40 AM
हिमाचल राजकीय संस्कृत शिक्षक परिषद के प्रदेशाध्यक्ष डाॅ. मनोज शैल ने बताया कि परिषद ने 21 सूत्रीय मांग पत्र शिक्षा बोर्ड को दिया था, जिसमें एक-एक विषय पर चर्चा की गई।
धर्मशाला (तिलक): हिमाचल राजकीय संस्कृत शिक्षक परिषद के प्रदेशाध्यक्ष डाॅ. मनोज शैल ने बताया कि परिषद ने 21 सूत्रीय मांग पत्र शिक्षा बोर्ड को दिया था, जिसमें एक-एक विषय पर चर्चा की गई। कक्षा 6 से संस्कृत की नई पुस्तक के नए सत्र से प्रारंभ करने पर सचिव ने कहा कि एनसीईआरटी द्वारा निर्मित नए पाठ्यपुस्तक कक्षा 6 से वर्ष 2026 से आरंभ की जाएगी। यह बात मंगलवार काे हिमाचल राजकीय संस्कृत शिक्षक परिषद के प्रतिनिधियों की बैठक के दाैरान हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड धर्मशाला के सचिव डॉ. (मेजर) विशाल शर्मा ने कही।
बैठक में परिषद के द्वारा शिक्षा एवं गुणवत्ता पर विभिन्न विषयों पर सार्थक चर्चा हुई। सचिव ने कहा कि कक्षा 6 के लिए कुछ विषयों की पुस्तकें तैयार कर ली गई हैं और कुछ पुस्तकें तैयार हो रही हैं। बैठक में कक्षा 6 से 8 तक संस्कृत व्याकरण की पुस्तक लगाने के लिए शिक्षा बोर्ड सचिव ने स्वीकृति प्रदान की। उन्होंने कहा कि यद्यपि एनसीईआरटी की तरफ से पुस्तक निर्धारित नहीं है, लेकिन छात्रों को इसकी आवश्यकता है। परिषद ने आग्रह किया कि विभिन्न कक्षाओं में प्रश्न पत्रों में अनुवाद के कुछ व्यावहारिक वाक्य सम्मिलित किए जाएं, ताकि छात्र भाषा के व्यावहारिक पक्ष में भी निपुण बन सकें।
इसके लिए भी सचिव ने स्वीकृति प्रदान की है। इसके साथ ही परिषद ने प्रस्ताव रखा कि कक्षा 11वीं व 12वीं के पाठ्यक्रम विभाजन व उसमें व्याकरण का समरूप समायोजन किया जाना भी आवश्यक है। इसकी स्वीकृति भी बोर्ड सचिव ने प्रदान कर दी है। पाठ्य पुस्तकों में द्रष्टव्य अशुद्धियों के संदर्भ में बोर्ड सचिव ने बताया कि यह कार्य एनसीईआरटी के अधिकार क्षेत्र में है। अतः एक बार उनकी वैबसाइट पर प्राप्त पुस्तक को देखें। यदि वहां भी अशुद्धि है, तब इस विषय में उनसे बात की जाएगी। यदि बोर्ड स्तर पर ही अशुद्धि है तब उसे ठीक कर लिया जाएगा।
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