Edited By Kuldeep, Updated: 08 Jan, 2025 11:15 PM
देशभर में एचएमपीवी के बढ़ रहे खतरे के बीच स्वास्थ्य विभाग के सामने एक बड़ी समस्या खड़ी हो गई है। सरकारी अस्पतालों को दवा की आपूर्ति करने वाले सप्लायरों ने 31 दिसम्बर के बाद से दवाइयों की आपूर्ति बंद कर दी है।
मानपुरा (बस्सी): देशभर में एचएमपीवी के बढ़ रहे खतरे के बीच स्वास्थ्य विभाग के सामने एक बड़ी समस्या खड़ी हो गई है। सरकारी अस्पतालों को दवा की आपूर्ति करने वाले सप्लायरों ने 31 दिसम्बर के बाद से दवाइयों की आपूर्ति बंद कर दी है। इससे स्वास्थ्य विभाग की परेशानी बढ़ गई है। बिना दवाओं की वायरस से लड़ना इतना आसान नहीं है। स्थिति यही बनी रही तो आने वाले दिनों में प्रदेश के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों से लेकर बड़े अस्पतालों तक दवाओं का संकट खड़ा हो सकता है। इसके कारण गरीब मरीजों को भी बाजार से महंगी दवाएं खरीदने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।
हिमाचल प्रदेश के दवा वितरक संगठन के प्रधान सुरेश शर्मा की मानें तो स्वास्थ्य विभाग द्वारा पिछले एक वर्ष से उनकी पेमैंट का भुगतान नहीं किया जा रहा है। इसके कारण उन्हें अब यह निर्णय लेने के लिए विवश होना पड़ा है। पिछले एक वर्ष से करोड़ों रुपए की पेमैंट लंबित पड़ी हुई है। सरकार से बार-बार अनुरोध करने पर भी उनकी पेमैंट को जारी नहीं किया गया। स्थिति यह हो गई है कि वे करोड़ों रुपए के कर्ज के नीचे दब गए हैं। मल्टीनैशनल कंपनियों को दवाओं के लिए एडवांस में पेमैंट करनी पड़ती है। उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा विभिन्न योजनाओं के तहत चाहे वह नि:शुल्क दवाओं के तहत दवा की खरीद हो या फिर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के माध्यम से खरीदी जा रही दवाएं हों, विभाग द्वारा किसी की भी पेमैंट नहीं की गई है। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत तीसरी तिमाही के मिले बजट में से 31 दिसम्बर से पहले दवा वितरण का भुगतान कर दिया जाता तो दवाओं की आपूर्ति सुचारू रूप से चली रहती। सुरेश शर्मा का कहना है कि यदि स्वास्थ्य विभाग ने इस बजट को 31 दिसम्बर तक खर्च नहीं किया होगा तो यह वापस हो चाएगा। इससे प्रदेश सरकार को जहां आर्थिक नुक्सान होगा वहीं पैंडिंग पेमैंट की राशि भी बढ़ जाएगी।
स्वास्थ्य विभाग ने दवा सप्लायर को निर्धारित समय में दवाओं की आपूर्ति करने के लिए बाध्य किया हुआ है। 45 दिन के बाद आपूर्ति करने पर 5 फीसदी जुर्माना, 53 दिन बाद दवा की आपूर्ति करने पर 10 फीसदी जुर्माना तथा 66 दिन बीत जाने पर खरीद आदेश रद्द करने के साथ सुरक्षा राशि को जब्त किया जाता है लेकिन दूसरी तरफ स्वास्थ्य विभाग दवा सप्लायरों की पेमैंट का भुगतान एक वर्ष से नहीं कर रहा है। संघ ने प्रदेश सरकार से लंबित पेमैंट का भुगतान ब्याज सहित करने की मांग की है।
सीएमओ सोलन अमित रंजन का कहना है कि एचएमपी वायरस को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने प्रदेश के सभी जिलों में अलर्ट जारी कर दिया है और आरटीपीसीआर टैस्ट को लेकर भी लोगों को जागरूक किया है। उन्होंने बताया कि वायरल व निमोनिया के संदिग्ध मरीजों के आरटीपीसीआर टैस्ट करवाए जाएंगे। इस वायरस से घबराने की जरूरत नहीं है बल्कि इससे बचने के लिए मास्क का प्रयोग करें। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी मुख्य संस्थानों में दवाइयों की सप्लाई सुचारू रूप से हो रही है व दवा सप्लायरों की पेमैंट का मामला प्रदेश सरकार के पास है।