आईजीएमसी में मानसिक रोगियों के साथ नहीं रखे जाएंगे नशे के आदी मरीज: स्वास्थ्य मंत्री

Edited By Jyoti M, Updated: 13 Aug, 2025 09:42 AM

drug addicts will not be kept with mental patients in igmc

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता और सैनिक कल्याण मंत्री डॉ. (कर्नल) धनी राम शांडिल ने कहा कि आईजीएमसी में इलाज के लिए उपचाराधीन नशे के आदी लोगों को मानसिक रोगियों के साथ नहीं रखा जाएगा। हमारी सरकार इस दिशा में कदम उठाने जा...

शिमला। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता और सैनिक कल्याण मंत्री डॉ. (कर्नल) धनी राम शांडिल ने कहा कि आईजीएमसी में इलाज के लिए उपचाराधीन नशे के आदी लोगों को मानसिक रोगियों के साथ नहीं रखा जाएगा। हमारी सरकार इस दिशा में कदम उठाने जा रही है।

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री आज अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस के मौके पर बचत भवन में हिमाचल ज्ञान विज्ञान समिति की ओर से युवा बचाओ अभियान के तहत नशे के खिलाफ "द व्हाइट ट्रुथ" वेब सीरीज का ट्रेलर लांच करने के उपरांत अपने विचार साझा कर रहे थे। यह सीरीज नशे की गिरफ्त में आ चुके लोगों के ऊपर आधारित है जिसमें 7 एपिसोड होंगे। नशे के खिलाफ आप समाज में किस तरह अपनी भूमिका निभा सकते है, इस वेब सीरीज के माध्यम से जागरूकता फैलाने का लक्ष्य है। वेब सीरीज को टीएफटी प्रोडक्शन की ओर से बनाया गया है। यह वेब सीरीज ज्ञान विज्ञान समिति के यूट्यूब चैनल पर उपलब्ध रहेगी।

मानव जीवन बहुमूल्य, इसे नशे के आगोश में रखकर खत्म न करें

कार्यक्रम के दौरान मुख्यातिथि ने कहा कि मानव जीवन बहुमूल्य है, इसे नशे के आगोश में रख कर खत्म नहीं करना चाहिए। आज हर तरफ नशे का कारोबार फैल चुका है। सीमाओं के माध्यम से विदेशों से भारत में नशे की खेप पहुंच रही है। सुरक्षा एजेंसियां कार्य तो कर रही हैं लेकिन इसने और तीव्रता लानी होगी। इसी तरह प्रदेश में भी नशे की खेप को रोकने के लिए प्रदेश सरकार ने कड़े नियमों को लागू किया है। प्रदेश में नशे के खिलाफ आम जनता का सहयोग मिल रहा है। उन्होंने कहा कि अपनी दृढ़ इच्छा शक्ति से खुद को मजबूत रखे फिर आप हर बुराई को हरा सकते हैं। नशा इंसान को किसी के लायक नहीं छोड़ता है। हिमाचल प्रदेश को नशा मुक्त बनाने के लिए हम सब को मिलकर कार्य करना चाहिए।

महिलाओं के लिए अलग नशा मुक्ति केंद्र बनाने का विचार कर रही सरकार 

वहीं शिमला में सरकारी क्षेत्र में एक नशा मुक्ति केंद्र स्थापित करने के विकल्प तलाशे जाएंगे ताकि नशे के आदि लोगों को सही उपचार मिल सके। उन्होंने कहा कि जिन नशा मुक्ति केंद्रों में नशे का कारोबार किया जा रहा है उनके खिलाफ सख्ती से कार्रवाई की जाएगी। प्रदेश में महिलाओं के लिए अलग से नशा मुक्ति केंद्र बनाने की दिशा में हमारी सरकार विचार कर रही है। प्रदेश में नशे की आदि लड़कियों की संख्या हर दिन बढ़ती जा रही है।

नशे से निकलना बहुत मुश्किल था - पंकज

नशे को हरा चुके पंकज ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि वह छह साल से चिट्टा ले रहा था। इससे पहले मैं 14 साल तक भांग का आदि हो गया था। जब मैं चिट्टा लेता था तो मैंने शरीर की कई नसों में इंजेक्शन लगाए। कई बार तो इंजेक्शन लगाने के लिए मुझे नसें भी नहीं मिलती थी। मैं नशा छोड़ना चाहता था लेकिन ऐसा कर नहीं पा रहा था। मैं ज्यादा से ज्यादा दो दिन तक बिना नशा किए रह पाता था। उसके बाद तीसरे दिन मुझे डोज चाहिए ही होती थी। मेरे साथ जो नशा करते थे करीब 14 दोस्तों ने अपनी जान नशे के कारण गवाई है। मेरे परिवार वालों ने मेरा साथ दिया और इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज में मेरा उपचार करवाया। मेरे परिवार ने मेरा साथ नहीं छोड़ा। अगर वो मेरे साथ न होते तो शायद में नशे को हरा न पाता। नशे को छोड़ने के परिवार वालों की अहम भूमिका होती है।

यह भी रहे मौजूद

कार्यक्रम में अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी प्रोटोकॉल ज्योति राणा, अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी कानून एवं व्यवस्था पंकज शर्मा, एसी टू डीसी देवी चंद ठाकुर, सेवानिवृत आईएएस एस एन जोशी, जिला कल्याण अधिकारी कपिल शर्मा, सेवानिवृत जेसी चौहान, डॉ ओपी बहुरिता, डॉ ओपी कायथ, डॉ रवि भूषण सहित कई गणमान्य मौजूद रहे।

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