Himachal: CM सुक्खू ने केंद्र सरकार के सामने रखी बड़ी मांग, बाेले-आपदा प्रभाविताें काे उपलब्ध करवाई जाए 1 बीघा जमीन

Edited By Vijay, Updated: 02 Aug, 2025 06:59 PM

cm sukhvinder singh sukhu

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने केंद्र सरकार से जमीन गवां चुके आपदा प्रभावित परिवारों के पुनर्वास के लिए 1 बीघा भूमि आबंटित करने की अनुमति देने का आग्रह किया है।

शिमला (कुलदीप): मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने केंद्र सरकार से जमीन गवां चुके आपदा प्रभावित परिवारों के पुनर्वास के लिए 1 बीघा भूमि आबंटित करने की अनुमति देने का आग्रह किया है। उन्होंने केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव से नई दिल्ली में मुलाकात के बाद पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में यह जानकारी दी। उन्होंने लोगों के पुनर्वास के लिए वन मानदंडों में ढील देने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्री से नदियों में गाद भरने के बारे में भी चर्चा हुई है तथा इसके निवारण के लिए आवश्यक निर्देश देने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि पहाड़ी राज्यों की कठिन भौगोलिक परिस्थितियों और विशेष आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए उनके लिए अलग मानदंड निर्धारित करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में बादल फटने की पुनरावृति के बारे में अवगत करवाया है।

मौसम परिवर्तन के कारण बढ़ीं बादल फटने की घटनाएं
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि मौसम परिवर्तन के कारण बादल फटने की घटनाओं को लेकर उनकी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से चर्चा हुई है, जिसके बाद अध्ययन के लिए केंद्रीय टीम ने प्रदेश का दौरा किया है, ऐसे में केंद्रीय टीम की रिपोर्ट आने के बाद ही वस्तुस्थिति सामने आ सकेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने खुद अपने जीवनकाल में बादल फटने की इतनी घटनाएं नहीं देखीं, जितनी पिछले कुछ वर्षों में घटित हुई है। इस कारण मानसून की अवधि के दौरान भवनों, बुनियादी ढांचे, सडक़ों, पुलों, जलापूर्ति योजनाओं व आवासीय संपत्तियों को भारी नुकसान पहुंचा है। मुख्यमंत्री की केंद्रीय मंत्री के साथ हुई बैठक में उप-मुख्य सचेतक केवल सिंह पठानिया, विधायक संजय अवस्थी व सुरेश कुमार सहित प्रदेश सरकार के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

एआईसीसी सम्मेलन में शामिल हुए सीएम, बोले-धर्म को राजनीति से रखें अलग 
नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के विधि, मानवाधिकार एवं आरटीआई विभाग की तरफ से आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन में संवैधानिक चुनौतियां : परिप्रेक्ष्य एवं मार्ग के दूसरे सत्र की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि धर्म को राजनीति से अलग रखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि धर्म व्यक्तिगत आस्था का विषय है और राज्य का दृष्टिकोण धर्मनिरपेक्ष होना चाहिए। सर्वधर्म सम्भाव की विचारधारा पर चलते हुए ही देश में भाईचारे की भावना को पोषित किया जाना चाहिए। हमारे देश में प्रत्येक धर्म का सम्मान किया जाता है और देश की विविधता ही हमारी ताकत है। उन्होंने कहा कि हम अपनी धार्मिक सहिष्णुता के लिए जाने जाते हैं और इन समृद्ध मूल्यों के अभाव में समाज में हिंसा और संघर्ष की परिस्थितियां उत्पन्न होती हैं। इस अवसर पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह, डाॅ. अभिषेक सिंघवी, अलका लांबा, प्रमोद तिवारी और अन्य नेताओं ने भी अपने विचार प्रस्तुत किए।

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