Himachal: पुलिस भर्ती में चिट्टा टैस्ट होगा अनिवार्य, हर जिले में खुलेंगे नशा मुक्ति केंद्र : मुख्यमंत्री

Edited By Kuldeep, Updated: 29 Jul, 2025 09:48 PM

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मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में आयोजित मंत्रिमंडल की बैठक में नशे के खिलाफ भी कड़ा रुख अपनाया है। नशे को किसी भी कीमत पर सरकार समाप्त करना चाहती है।

शिमला (हैडली): मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में आयोजित मंत्रिमंडल की बैठक में नशे के खिलाफ भी कड़ा रुख अपनाया है। नशे को किसी भी कीमत पर सरकार समाप्त करना चाहती है। मुख्यमंत्री ने स्वयं नशे के विरुद्ध कड़ा संज्ञान लिया है और अधिकारियों को कड़े निर्देश जारी किए हैं। मंत्रिमंडल की बैठक में नशे के खिलाफ प्रदेश सरकार द्वारा उठाए जा रहे कदमों की विस्तार से समीक्षा की गई। इस संबंध में पुलिस, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता और स्वास्थ्य विभागों ने विस्तृत प्रस्तुतियां दीं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार नशे के खिलाफ शून्य सहिष्णुता नीति (जीरो टॉलरैंस) अपना रही है और युवाओं को नशे की चपेट में आने से बचाना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने नशा नैटवर्क को तोड़ने के लिए समन्वित कार्रवाई की आवश्यकता पर बल दिया। मंत्रिमंडल ने पुलिस भर्ती में अब चिट्टा (सिंथैटिक ड्रग) का डोप टैस्ट अनिवार्य करने का निर्णय लिया। इसके अलावा, सभी नए सरकारी कर्मचारियों को यह शपथ पत्र देना होगा कि वे चिट्टे का सेवन नहीं करते हैं। मुख्यमंत्री ने नशे से जुड़े मामलों में संलिप्त कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए।

पंजाब की तुलना में एनडीपीएस एक्ट के मामलों में काफी कमी, नशे से जुड़े लोगों की 42.22 करोड़ की संपत्ति जब्त
बैठक में जानकारी दी गई कि प्रदेश में ड्रग्स के दुरुपयोग की स्थिति नियंत्रण में है। एनडीपीएस एक्ट के तहत दर्ज मामलों की संख्या कुल मामलों का 9 प्रतिशत है, जोकि पंजाब के 20 प्रतिशत की तुलना में काफी कम है। वर्तमान सरकार के कार्यकाल में अब तक 45 मामले दर्ज किए गए हैं और नशे से जुड़े लोगों की 42.22 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त की गई है, जो पिछले वर्षों की तुलना में दोगुनी से भी अधिक है। पीआईटी-एनडीपीएस एक्ट के तहत 44 लोगों को हिरासत में लिया गया है। स्वास्थ्य विभाग को नशामुक्ति के लिए प्रशिक्षण, जागरूकता, इलाज, परामर्श, पुनर्वास आदि गतिविधियों को और सशक्त बनाने के निर्देश दिए गए हैं। वर्तमान में कुल्लू, हमीरपुर, नूरपुर और ऊना में पुनर्वास केंद्र संचालित किए जा रहे हैं।

अब सभी जिला मुख्यालयों में ऐसे केंद्र स्थापित करने के लिए सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की राज्य कार्ययोजना के अंतर्गत 14.95 करोड़ रुपए की परियोजना शुरू की जा रही है। मुख्यमंत्री ने महिला मंडलों, युवक मंडलों, पंचायती राज संस्थाओं, नागरिक समाज संगठनों और शिक्षा विभाग को भी नशे के खिलाफ जनजागरूकता अभियान में सक्रिय रूप से शामिल करने के निर्देश दिए। उन्होंने सभी विभागों से समन्वय के साथ कार्य करते हुए नशे के खिलाफ एकजुट होकर लड़ाई लड़ने का आह्वान किया। साथ ही सीमावर्ती क्षेत्रों में नियमित रूप से निगरानी बढ़ाने पर भी बल दिया, ताकि अन्य राज्यों से नशे की तस्करी पर रोक लगाई जा सके।

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