Edited By Kuldeep, Updated: 07 Aug, 2023 11:07 PM

प्रदेश की वर्तमान कांग्रेस सरकार कांगड़ा के साथ सौतेला व्यवहार करके भेदभाव कर रही है। यह बात पूर्व विधानसभा अध्यक्ष व विधायक विपिन सिंह परमार ने धर्मशाला में पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कही।
धर्मशाला (जिनेश): प्रदेश की वर्तमान कांग्रेस सरकार कांगड़ा के साथ सौतेला व्यवहार करके भेदभाव कर रही है। यह बात पूर्व विधानसभा अध्यक्ष व विधायक विपिन सिंह परमार ने धर्मशाला में पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि कांगड़ा हिमाचल का केंद्र बिंदु है तथा यहां जनता ने कांग्रेस को 10 सीटें देकर सत्ता में सरकार को लाया है उसके बावजूद सरकार ने कांगड़ा से भेदभाव करके कांगड़ा जिला को मात्र एक ही मंत्री दिया। जबकि पुरानी सरकारों के दौरान कांगड़ा को त्वजो दी जाती रही है। परमार ने कहा कि अब कांग्रेस के समय सिर्फ कांगड़ा को आश्वासन ही मिल रहे है तथा कुछ दिन मंत्रियों को लेकर नाम उछाले जाते है फिर वापिस ले लिए जाते है। उन्होंने कहा कि सरकार के इस कदम से कांगड़ा की जनता ल'िजत हो रही है।
परमार ने कहा कि कांगड़ा-चंबा के लोगों के साथ भाजपा की सरकार ने हमेशा त्वजो दिया है। परमार ने कहा कि प्रदेश में सुख की सरकार नहीं बलकि सुखी सरकार हो गई है। उन्होंने कहा कि जब कोरोना काल था तो कोरोना वारियरों को रखा गया तथा अब 5 से 6 महीने हो गए है उन सम्मानित किए हुए कोरोना वारियरों को सरकार वेतन तक नहीं दे पाई है। परमार ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार अपने में ही लड़ रही है। सरकार के मंत्रियों में ताल मेल बिल्कुल भी नहीं है। उन्होंने कहा कि व्यवस्था परिवर्तन करते करते कही सरकार ही न प्रदेश में बदल जाए। कांग्रेस सरकार द्वारा कांगड़ा-चंबा के साथ हो रहे भेदभाव की भाजपा ने निंदा की है। परमार ने कहा कि जब केंद्रीय भूतल मंत्री प्रदेश में बारिश से हुए नुकसान का जायजा लेने आए तो न तो पी.डब्लू.डी. के सचिव वहां थे न अधिकारी।
मुख्यमंत्री अधिकारियों को फोन करके जानकारी केंद्रीय मंत्री को दे रहे थे। वहीं उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार प्रदेश में बारिश से प्रदेश में हुए नुकसान के चलते 300 करोड़ रुपए की राहत राशि भेजी उसकी प्रदेश सरकार बंदर बांट कर रही है। परमार ने कहा कि प्रदेश सरकार अपने ही विधायकों से डर रही है। उन्होंने कहा कि जहां कांग्रेस के ही विधायक बारिश से हुए नुकसान को लेकर विधानसभा सत्र जल्द बुलाने की मांग कर रहे है तो मुख्यमंत्री विधानसभा सत्र को अभी न बुलाने की बात कर रहे है। परमार ने कहा कि इससे साफ होता है की सरकार अपने ही लोगों से डर रही है।