KCCB बी.ओ.डी. बैठक में उठी बड़े अधिकारी के खिलाफ चार्जशीट की आवाज

Edited By Kuldeep, Updated: 18 Sep, 2023 08:28 PM

dharamshala k c c bank officer chargesheet

के.सी.सी. बैंक की निदेशक मंडल की बैठक में लोन के 2 मामलों में एक बड़े अधिकारी के खिलाफ चार्जशीट की आवाज उठी है। हालांकि इस पर अध्यक्ष ने कार्रवाई से पहले संबंधित अधिकारी का जवाब लेने का सुझाव दिया है।

धर्मशाला (जिनेश): के.सी.सी. बैंक की निदेशक मंडल की बैठक में लोन के 2 मामलों में एक बड़े अधिकारी के खिलाफ चार्जशीट की आवाज उठी है। हालांकि इस पर अध्यक्ष ने कार्रवाई से पहले संबंधित अधिकारी का जवाब लेने का सुझाव दिया है। अधिकारी के जवाब के बाद ही इस मामले में निदेशक मंडल अगली कार्रवाई के लिए फैसला लेगा। उक्त दोनों लोन के मामले ऊना जिले से संबंधित है। के.सी.सी. बैंक की बी.ओ.डी. सोमवार को बैंक के अध्यक्ष कुलदीप पठानिया की अध्यक्षता में हुई। हालांकि बैठक की शुरूआत में ही बैंक के एम.डी. की अनुपस्थित रहने पर कुछ निदेशकों ने एतराज जाहिर किया और बैठक से किनारा करते हुए बाहर चले गए। बैठक में कर्मचारियों के हित में बड़ा फैसला बोनस को लेकर लिया गया है, जिसमें बैंक के सभी कर्मचारियों को दीवाली का बोनस दिया जाएगा।

 यह बोनस अक्तूबर महीने में ही कर्मचारियों को देने पर सहमति बनी है। इसके अलावा बी.ओ.डी. में शिक्षा लोन को भी बढ़ाने का प्रस्ताव पारित किया गया है, जिसमें देश में पढऩे वाले बच्चों को 15 लाख, जबकि विदेशों में पढ़ाई करने के लिए 25 लाख रुपए देने का फैसला लिया है। उधर, बैक के अध्यक्ष कुलदीप पठानिया ने कहा कि कर्मचारियों को बोनस दिए जाने और शिक्षा लोन बढ़ाने का फैसला बोर्ड द्वारा लिया गया है। बैठक में लोन के 2 मामलों में एक बड़े अधिकारी को चार्जशीट किए जाने को लेकर मांग उठी थी, जिस पर उन्होंने पहले संबंधित अधिकारी का जवाब लेने की बात कही है, इसके बाद आगामी कार्रवाई का फैसला लिया है।

यह था मामला
के.सी.सी. बैंक की ओर से 2012-13 में एक कंपनी को ऋ ण दिया गया था। 2014 में मामला एन.पी.ए. में चला गया। इसके बाद रिकवरी की प्रक्रिया शुरू हुई, जिसमें जमीन व मशीनरी को नीलाम किया जाना था और एक ही व्यक्ति जो नीलामी राशि अधिक देगा, उसे देकर रिकवरी की जानी थी। लेकिन जमीन किसी एक, जबकि मशीनरी किसी दूसरे के नाम नीलाम कर दी गई। इससे विवाद उत्पन्न हो गया और बैंक को नुक्सान उठाना पड़ा। इसके बाद मामला डी.आर.टी. यानी डेक्ट रिकवरी ट्रिब्यूनल के पास चला गया, जिसमें हिदायतें जारी हुईं कि मामले की जांच की जाए और जो भी दोषी पाया जाएगा, उससे नुक्सान की भरपाई करवाई जाए। इसके बाद चीफ  विजीलैंस ऑफिसर ने जांच की। इसके बाद निदेशक मंडल की ओर से 3 सदस्यीय निदेशकों की टीम से भी जांच करवाई गई, जिसमें उपरोक्त अधिकारी को दोषी पाया गया, जिसकी रिपोर्ट भी निदेशक मंडल को दी जा चुकी है। इसी तरह से वर्ष 2017 में लाभांश वाली बैंक की 54 शाखाओं का ऑडिट करवाया गया, लेकिन इस ऑडिट में अन्य बैंकों की तुलना में तीन गुना अधिक राशि ऑडिट के लिए दी गई थी।

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