Edited By Kuldeep, Updated: 04 Jul, 2025 11:03 PM

मैक्लोडगंज स्थित दलाईलामा के निवास पर आयोजित तिब्बती धार्मिक नेताओं की 15वीं बैठक का अंतिम सत्र सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। बैठक में तिब्बत की विभिन्न बौद्ध परंपराओं के प्रमुख धर्मगुरु शामिल हुए।
धर्मशाला (नितिन): मैक्लोडगंज स्थित दलाईलामा के निवास पर आयोजित तिब्बती धार्मिक नेताओं की 15वीं बैठक का अंतिम सत्र सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। बैठक में तिब्बत की विभिन्न बौद्ध परंपराओं के प्रमुख धर्मगुरु शामिल हुए। दलाईलामा ने कहा कि निर्वासन में दशकों बीत जाने के बावजूद तिब्बती लोग अब भी मजबूत और एकजुट हैं। उन्होंने तिब्बती धर्म और संस्कृति को संजोए रखने के प्रयासों की सराहना की और बोधिचित्त (जगत कल्याण की भावना) के महत्व पर बल दिया। बैठक के दौरान निर्वासित तिब्बती प्रधानमंत्री पेंपा सेरिंग ने विभिन्न प्रमुख प्रस्ताव रखे, जिसमें चीन द्वारा दलाईलामा के पुनर्जन्म को राजनीतिक रूप देने के प्रयासों का विरोध और दलाईलामा के हालिया वक्तव्य का समर्थन शामिल था।
सभी धर्मगुरुओं ने दलाईलामा के स्वास्थ्य और दीर्घायु की कामना की। इस अवसर पर तिब्बती गुरु मीनरी त्रिचेन रिनपोछे, ड्रिकुंग चेतसांग रिनपोछे, तागलुंग मत्रुल और जोनंग ग्याल्त्साप ने दलाईलामा की शिक्षाओं, सेवा और करुणा की प्रशंसा की।बैठक के समापन पर धार्मिक मामलों के सचिव दुदुल दोरजी ने धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा, “बौद्ध धर्म मानवता के लिए कल्याणकारी है, यह यूं ही फलता-फूलता रहे। दलाईलामा दीर्घायु हों और तिब्बती समुदाय में एकता बनी रहे।”
अगले दलाईलामा का निर्णय केवल तिब्बती बौद्ध नेता करेंगे : किरेन रिजिजू
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा है कि अगले दलाईलामा का चयन केवल तिब्बती बौद्ध नेतृत्व द्वारा किया जाएगा, चीन की मंजूरी की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने कहा, “एक अनुयायी के रूप में मेरा मानना है कि अगले दलाईलामा का निर्णय केवल तिब्बती बौद्ध नेता ही करेंगे।” यह बयान ऐसे समय में आया है, जब चीन उत्तराधिकारी पर नियंत्रण की कोशिश कर रहा है।