Edited By Kuldeep, Updated: 31 Mar, 2025 09:07 PM
तिब्बती आध्यात्मिक गुरु एवं शांति के प्रतीक 14वें दलाईलामा को निर्वासन में 66 वर्ष पूरे होने के अवसर पर एनजीओ गोल्ड मर्करी इंटरनैशनल द्वारा गोल्ड मर्करी अवार्ड-2025 से सम्मानित किया गया।
धर्मशाला (नितिन): तिब्बती आध्यात्मिक गुरु एवं शांति के प्रतीक 14वें दलाईलामा को निर्वासन में 66 वर्ष पूरे होने के अवसर पर एनजीओ गोल्ड मर्करी इंटरनैशनल द्वारा गोल्ड मर्करी अवार्ड-2025 से सम्मानित किया गया। यह सम्मान उन्हें उनके जीवनभर के योगदान के लिए प्रदान किया गया, जिसमें शांति, करुणा और पर्यावरण संरक्षण में उनकी अनुकरणीय भूमिका शामिल है। यह सम्मान समारोह उनके निवास स्थान मैक्लोडगंज में किया गया जहां एनजीओ के अंतर्राष्ट्रीय प्रतिनिधियों, तिब्बती समुदाय के वरिष्ठ सदस्यों और अनुयायियों की उपस्थिति रही।
14वें दलाईलामा 31 मार्च 1959 को तिब्बत से भारत पहुंचे थे। चीन के तिब्बत पर नियंत्रण के बाद बढ़ते दमन के कारण उन्हें अपना देश छोड़ना पड़ा। तत्कालीन भारतीय प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के आमंत्रण पर वह अरुणाचल प्रदेश के तवांग से होते हुए भारत आए थे, जिसके बाद उन्हें हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में शरण दी गई, जो अब तिब्बती शरणार्थियों और उनकी निर्वासित सरकार का मुख्य केंद्र है।