Edited By Vijay, Updated: 04 Jun, 2025 06:12 PM

शिमला जिला के उपमंडल रोहड़ू के तहत अढाल क्षेत्र की धार्मिक आस्था और परंपरा के प्रतीक आराध्य देव महासू देवता महाराज मूल स्थली हनोल (उत्तराखंड) से अपनी 7 दिवसीय शुभ यात्रा पूर्ण कर मां दुर्गा की पावन स्थली हाटकोटी पहुंच गए हैं।
रोहड़ू (बशनाट): शिमला जिला के उपमंडल रोहड़ू के तहत अढाल क्षेत्र की धार्मिक आस्था और परंपरा के प्रतीक आराध्य देव महासू देवता महाराज मूल स्थली हनोल (उत्तराखंड) से अपनी 7 दिवसीय शुभ यात्रा पूर्ण कर मां दुर्गा की पावन स्थली हाटकोटी पहुंच गए हैं। देवता के आगमन पर हाटकोटी में आज बुधवार को भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा और 'जय महासू देवता अढाल', 'जय दूर्गा माता हाटकोटी' के जयघोष से वातावरण गुंजायमान हो गया। मंदिर प्रबंधन द्वारा देवता का परंपरागत रूप से भव्य स्वागत किया गया।
देवता महासू महाराज इस बार अपनी कुछ वर्ष पूर्व निर्मित सुसज्जित पालकी में विराजमान होकर निकले। यह यात्रा केवल एक परंपरा नहीं बल्कि शक्ति-संवर्द्धन का प्रतीक मानी जाती है। धार्मिक मान्यता के अनुसार अढाल के देवता को हनोल स्थित बोठा महासू महाराज के आदेशानुसार अपनी उपस्थिति मूल स्थली में पहले दर्ज करवानी होती है। कहा जाता है कि हनोल की भूमि पर उपस्थिति देने के बाद देवता की शक्ति कई गुना बढ़ जाती है, जो उनके आगे के कार्यों में परिलक्षित होती है।
मोहतमिन दिलीप सिंह ठाकुर ने बताया कि जागा माता अढाल की छत्रछाया में आयोजित यह यात्रा पूरी तरह सफल और सुखद रही। उन्होंने कहा कि पांच जून वीरवार को देवता महासू अढाल-शरोग-बटाड़ी गांव की आराध्य देवी मां बड़ी देवी के मंदिर परिसर जतराल में पहुंचेंगे। यहां देवता महासू महाराज बटाड़ी व अन्य देवता स्थानीय प्रजा सहित महासू महाराज के स्वागत समारोह में शरीक होंगे। 6 जून को अढाल गांव में पारंपरिक धाम का आयोजन होगा, जिसमें सैंकड़ों श्रद्धालुओं के सम्मिलित होने की संभावना है।
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