Mandi: छेश्चु मेला में श्रद्धालुओं ने प्रसाद के रूप में ग्रहण की 'दारछेन'

Edited By Kuldeep, Updated: 10 Mar, 2025 05:00 PM

devotees received  darchen  as prasad in chheshchu fair

त्रिवेणी धर्म स्थली रिवालसर में आयोजित 3 दिवसीय राज्य स्तरीय छेश्चु मेले में धार्मिक और सांस्कृतिक गतिविधियों की धूम रही।

रिवालसर (निस): त्रिवेणी धर्म स्थली रिवालसर में आयोजित 3 दिवसीय राज्य स्तरीय छेश्चु मेले में धार्मिक और सांस्कृतिक गतिविधियों की धूम रही। मेले के अंतिम दिन सोमवार को निग्मापा बौद्ध मंदिर कमेटी के सौजन्य से धार्मिक झंडा रस्म को निग्मापा बौद्ध गोंपा के प्रांगण में निभाया गया। इस धार्मिक आयोजन में देश-प्रदेश व विदेशों से रिवालसर पहुंचे हजारों बौद्ध श्रद्धालुओं ने अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई।

हर वर्ष की भांति इस धार्मिक रस्म में पोल से हजारों की संख्या में लगी पुरानी झंडियों को उतारा गया तथा उनके स्थान पर नई रंग-बिरंगी मंत्र लिखित झंडियों को जिन्हें बौद्ध संस्कृति में 'दारछेन' कहा जाता है, को पोल पर चढ़ाया गया। झंडे के रूप में लगे पुराने दारछेन को बौद्ध अनुयायियों ने प्रसाद के रूप में ग्रहण किया। बौद्ध अनुयायियों के अनुसार पवित्र झंडे में लगा दारछेन को घर रखने से बुरी आत्माएं नजदीक नहीं आती हैं तथा सुख-समृद्धि बनी रहती है।

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