दिवाली के बाद जहरीली सांस ले रही देवभूमि, प्रदूषण ने इन जगहों पर तोड़ा 3 वर्षों का रिकॉर्ड(Video)

Edited By Vijay, Updated: 31 Oct, 2019 06:11 PM

दिवाली के जश्न में जब देवभूमि झूम रही थी तो कहीं पटाखे फूट रहे थे और कहीं आतिशबाजी चल रही थी। पटाखे भी ऐसे कि अगर दीवार के पास चले तो दीवार हिल जाए और आतिशबाजी तो प्रदुषण की बुलंदियां छू रही थी।

शिमला (तिलक राज): दिवाली के जश्न में जब देवभूमि झूम रही थी तो कहीं पटाखे फूट रहे थे और कहीं आतिशबाजी चल रही थी। पटाखे भी ऐसे कि अगर दीवार के पास चले तो दीवार हिल जाए और आतिशबाजी तो प्रदुषण की बुलंदियां छू रही थी। जमीन से लेकर जितने फुट उंचाई तक बच्चों का वो प्यारा रॉकेट जा सकता था वहां तक चंद सैकेंड के नजारे के बाद जहर के अलावा कुछ भी नजर नहीं आ रहा था।
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आतिशबाजी फटने के बाद मनमोहने वाली वो चंद सैकेंड की चमक-धमक के बाद कितना धुआं है ये भी आप देख ही सकते हैं और विस्फोटक के फटने के बाद निकला ये धुआं कितना जहरीला होगा ये भी आप अंदाजा लगा सकते हैं। भगवान राम के आने की खुशी में पटाखे चलाकर इजहार करने की भेड़चाल में हम इतना फंस चुके थे कि प्रदूषण फैलाने वाले जश्न से हटकर कोई दूसरा रास्ता ही नजर नहीं आ रहा था। परिणाम स्वरूप तस्वीरें ऐसी सामने आई हैं कि प्रदूषण ने पिछले 3 सालों का भी रिकॉर्ड तोड़ दिया।
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हर बार प्रदूषण में लिपटे दिल्ली जैसे महानगर आते थे लेकिन इस बार तो हिमाचल का भी बुरा हाल है। पहाड़ों की राजधानी शिमला समेत प्रदेश के तमाम शहरों की आबोहवा में दीवाली की रात जहर घुल गया। प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड ने एक इंडेक्स जारी किया है, जिसके मुताबिक दिवाली की रात शिमला में 90.03 आरएसपीएम वायु प्रदुषण दर्ज किया गया जोकि 0 से 50 आरएसपीएम तक सही माना जाता है और अगर इसके उपर एक भी प्वाइंट चला जाए तो हवा जहर साबित होने लगती है।
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कहां कितना प्रदूषण

शिमला के अलावा दूसरे शहरों के हालात भी बेहद नाजुक नजर आए। बात परवाणु, धर्मशाला, डमटाल, पांवटा और कालाअंब की करें तो परवाणु में आरएसपीएम 191.03, धर्मशाला में 113.07, डमटाल में 77.07, पांवटा में 156.03 और कालाअंब में 96.02 दर्ज किया गया है।
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ऐसा नहीं है कि सभी जगह सरकार की पटाखे कम चलाने की अपील फेल रही बल्कि कई जगहों पर इसका अच्छा खासा असर नजर आया। प्रदेश के 5 प्रमुख औद्योगिक और पर्यटन नगरों में शुमार ऊना, सुंदरनगर, बद्दी, नालागढ़ और मनाली में आरएसपीएम रेट में पिछले साल की अपेक्षा इस बार बहुत अधिक गिरावट आई है। हालांकि राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने बढ़ते प्रदूषण पर चिंता जताई है। बोर्ड का कहना है कि प्रदूषण पर विस्तृत अध्ययन किया जाएगा और दिवाली के दिन और रात जिन-जिन घातक तत्वों की वृद्धि हुई है, उसके आधार पर उचित कदम उठाए जाएंगे।

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