Edited By Vijay, Updated: 26 Jun, 2025 10:03 PM

सोलन पुलिस ने एक फर्जी हरियाणा नंबर वाली स्कॉर्पियो गाड़ी से एक नकली निजी सुरक्षा अधिकारी (पीएसओ) सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए गए लोगों में एक महिला भी शामिल है। पुलिस ने गाड़ी से एक पिस्तौल और दो जिंदा कारतूस भी बरामद किए हैं।
सोलन (अमित): सोलन पुलिस ने एक फर्जी हरियाणा नंबर वाली स्कॉर्पियो गाड़ी से एक नकली निजी सुरक्षा अधिकारी (पीएसओ) सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए गए लोगों में एक महिला भी शामिल है। पुलिस ने गाड़ी से एक पिस्तौल और दो जिंदा कारतूस भी बरामद किए हैं। पुलिस ने तीनों आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस के अनुसार नकली पीएसओ हरियाणा पुलिस की वर्दी पहने हुए था तथा ये तीनाें गाड़ी में फ्लैशर लाइट जलाकर और हूटर बजाकर घूम रहे थे।
मामले का खुलासा तब हुआ जब सोलन की यातायात पुलिस को सूचना मिली कि धर्मपुर की ओर से एक नीले रंग की हरियाणा नंबर की स्कॉर्पियो गाड़ी आ रही है, जिसमें फ्लैशर लाइट जल रही है और हूटर बज रहा है। सूचना मिलते ही सोलन पुलिस की टीम ने नाका लगाया और गाड़ी को रोकने का प्रयास किया। हालांकि, ड्राइवर गाड़ी भगाकर ले गया। ट्रैफिक पुलिस ने फुर्ती दिखाते हुए सोलन के दोहरी दीवार के पास गाड़ी को रोक लिया। गाड़ी की जांच करने पर उसका नंबर एक टोयोटा क्रिस्टा से संबंधित पाया गया, जबकि गाड़ी स्कॉर्पियो थी। गाड़ी में हरियाणा पुलिस की वर्दी पहने एक व्यक्ति बैठा था, जिसने खुद को विधायक का पीएसओ बताया और दावा किया कि यह गाड़ी एक विधायक की है।
यातायात पुलिस को शक होने पर उन्होंने गाड़ी के संबंध में दस्तावेज और पुलिस कर्मचारी से पहचान पत्र मांगा, लेकिन वे कोई भी वैध दस्तावेज दिखाने में असमर्थ रहे। इसके बाद सोलन यातायात पुलिस ने सपरून पुलिस टीम को मौके पर बुलाया और आगे की जांच शुरू की। जांच के दौरान पुलिस ने पाया कि इन लोगों के पास एक पिस्तौल और दो जिंदा कारतूस भी थे। पिस्तौल का लाइसैंस हरियाणा का था, लेकिन हिमाचल प्रदेश में इसे रखने का कोई वैध लाइसैंस नहीं था।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजकुमार चंदेल ने बताया कि पुलिस ने तीनों लोगों को संदिग्ध पाया और उनके खिलाफ मामला दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया। उन्होंने पुष्टि की कि गिरफ्तार किया गया पीएसओ भी फर्जी था। पुलिस तीनों आरोपियों से गहन पूछताछ कर रही है ताकि इस फर्जीवाड़े के पीछे के पूरे नैटवर्क का पता लगाया जा सके।
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