नशा मुक्ति केंद्र में युवक की संदिग्ध मौत, परिजनों ने जताया हत्या का शक

Edited By Vijay, Updated: 09 Jul, 2020 05:19 PM

death of youth in drug deaddiction center

बजौरा की सीमा के साथ वाले गांव झीड़ी के नया सवेरा नशा मुक्ति एवं पुनर्वास केंद्र में सुंदरनगर के सलापड़ के रहने वाले युवक की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई है। इस युवक को बुधवार को ही परिजन इस केंद्र में लेकर आए थे। युवक नशेड़ी था और उसे उपचार...

कुल्लू (ब्यूरो): बजौरा की सीमा के साथ वाले गांव झीड़ी के नया सवेरा नशा मुक्ति एवं पुनर्वास केंद्र में सुंदरनगर के सलापड़ के रहने वाले युवक की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई है। इस युवक को बुधवार को ही परिजन इस केंद्र में लेकर आए थे। युवक नशेड़ी था और उसे उपचार के लिए यहां भर्ती कराया गया था। नशा छुड़ाने के लिए यहां लाए गए युवक के परिजनों को क्या पता था कि दूसरे ही दिन उन्हें यहां से उसकी लाश ले जानी पड़ेगी। परिजनों का तर्क है कि युवक की हत्या की गई है। वहीं केंद्र के स्टाफ व संचालक ने पुलिस को बताया कि युवक ने फंदा लगाकर आत्महत्या की है।

पुलिस के अनुसार घटना को लेकर मामला दर्ज करके छानबीन शुरू कर दी गई है। मृतक युवक मुकेश को उसके परिजन नशा छुड़ाने के लिए नशामुक्ति केंद्र लेकर आए थे। नशामुक्ति केंद्र के प्रभारी संजय खुल्लर का कहना है कि मुकेश ने रात को फंदा लगाया। यह उनके केंद्र में इस तरह का पहला मामला है। आजकल उनके केंद्र में 22 लोगों का इलाज चल रहा है और स्वीकृत संख्या 60 है। इस नशामुक्ति केंद्र से लगभग 1800 से ज्यादा व्यक्तियों को इलाज करने के उपरांत ठीक करके घर भेज दिया गया है। अब वे लोग सुखी जीवन व्यतीत कर रहे हैं। फंदा लगाकर आत्महत्या करने वाला यह युवक भी इससे पहले 2 बार इलाज के लिए इस नशामुक्ति केंद्र में रह चुका है। वह नशे का आदी था।

मृतक के परिजनों में जीत राम, विपिन कुमार, धर्म पाल, प्रेम लाल, बृज लाल, राकेश, राज कुमार, जगदीश व हरि सिंह वर्मा का आरोप है कि मुकेश ने फांसी नहीं लगाई है। उन्हें शक है कि मुकेश को मारा गया है। इसलिए उनकी मांग है कि इसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। इन लोगों ने कहा कि एक छोटे से तौलिए से कैसे कोई फंदा लगा सकता है क्योंकि गले में कोई निशान भी नहीं है और यदि उसने फंदा लगाया होता तो फिर उसकी चप्पल पैर में कैसे थी। परिजनों की शिकायत यह भी थी कि मृतक को उनके पहुंचने से पहले ही नीचे उतार दिया था और मृत्यु की सूचना भी समय पर नहीं दी गई।

उनका कहना है जब एक कमरे में 4 आदमी सोए थे तो क्या किसी को भी उसके उठने और फंदा लगाने का पता नहीं चला। वहीं थाना प्रभारी थलौट ललित महंत का कहना है कि अभी जांच हर दृष्टिकोण से की जा रही है। इस मामले में इससे ज्यादा कुछ भी कहना फिलहाल जल्दबाजी होगी। जब पोस्टमार्टम और फोरैंसिक रिपोर्ट आएगी तभी आगे कुछ कहा जा सकेगा।

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