Edited By Vijay, Updated: 22 Feb, 2023 08:12 PM
बेटा ही पिता की चिता को मुखाग्नि देता है। यह बात अब गुजरे जमाने की हो चुकी है। बुधवार को यह रूढ़ीवादी परंपरा तब टूटती नजर आई, जब 5 बेटियों ने बेटे का फर्ज निभाते हुए पिता का अंतिम संस्कार किया। बे
मंडी (रजनीश): बेटा ही पिता की चिता को मुखाग्नि देता है। यह बात अब गुजरे जमाने की हो चुकी है। बुधवार को यह रूढ़ीवादी परंपरा तब टूटती नजर आई, जब 5 बेटियों ने बेटे का फर्ज निभाते हुए पिता का अंतिम संस्कार किया। बेटियां पिता की अंतिम यात्रा में श्मशानघाट तक साथ गईं और वहां उन सभी रीति-रिवाजों को निभाया, जो बेटा करता है। जानकारी के अनुसार मंडी के कटौला क्षेत्र के चेतराम का मंगलवार देर शाम निधन हो गया।
जानकारी मिलने पर बुधवार को रिश्तेदार, सगे संबंधी व परिचित आ गए। चेतराम की 5 बेटियां हैं जबकि कोई बेटा नहीं है। चिता को कौन आग देगा, यह सवाल उठने से पहले ही सबने एक राय से बेटियों को ही अपने पिता का अंतिम संस्कार करने का हकदार बताया। इसके बाद पांचों बेटियां पिता की शव यात्रा में शामिल हुईं। कटौला-पराशर मार्ग स्थित खड्ड पर श्मशानघाट में बेटियों ने पिता की चिता को मुखाग्नि दी।
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