Edited By Vijay, Updated: 15 May, 2020 01:00 AM
हिमाचल में इस बार कोरोना के साथ-साथ ओलावृष्टि ने भी बागवानों पर कहर बरपाया है। ऊना, किन्नौर और लाहौल-स्पीति को छोड़कर अन्य सभी जिलों में ओलावृष्टि से विभिन्न फलों को अब तक 167 करोड़ से ज्यादा का नुक्सान आंका गया है।
शिमला (देवेंद्र): हिमाचल में इस बार कोरोना के साथ-साथ ओलावृष्टि ने भी बागवानों पर कहर बरपाया है। ऊना, किन्नौर और लाहौल-स्पीति को छोड़कर अन्य सभी जिलों में ओलावृष्टि से विभिन्न फलों को अब तक 167 करोड़ से ज्यादा का नुक्सान आंका गया है। अकेले शिमला जिला के बागवानों को सबसे ज्यादा 82.22 करोड़ का नुक्सान झेलना पड़ा है। मंडी जिला में भी 37.24 करोड़ और कुल्लू में 36.15 करोड़ से ज्यादा का नुक्सान फलों को हुआ है।
मार्च और अप्रैल महीने में 60755 मीट्रिक टन फलों को नुक्सान
प्रदेश में पहली बार मार्च और अप्रैल महीने में फलों को इतना अधिक नुक्सान हुआ है। कुल मिलाकर विभिन्न फलों को अनुमानित 60755 मीट्रिक टन फलों को नुक्सान आंका गया है। बागवानी विभाग ने फलों को हुए नुक्सान की रिपोर्ट तैयार कर प्रदेश सरकार के माध्यम से केंद्र को भेज दी है। इसके अलावा आम, चेरी, पलम, खुमानी, नाशपाती व आड़ू की फसल को भी ओलावृष्टि ने काफी नुक्सान पहुंचाया है।
59479 बागवानों की फसलों को आंका गया नुक्सान
बागवानी विभाग द्वारा फील्ड से जुटाई गई 5 मई तक की रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश के 59479 बागवानों की फसलों को नुक्सान हुआ है। इनमें 47963 बागवान सीमांत तथा 7695 लघु बागवान शामिल हैं। ओलावृष्टि के कारण 28760 हैक्टेयर भूमि पर बागवानों की फसलों को नुक्सान हुआ है।
क्या बोले बागवानी विभाग के निदेशक
बागवानी विभाग के निदेशक एमएम शर्मा ने बताया कि बागवानी विभाग ने विभिन्न फलों को ओलावृष्टि व तूफान के कारण हुए नुक्सान का आकलन कर लिया है। अब तक फलों को 163 करोड़ से ज्यादा का नुक्सान हो चुका है। यह रिपोर्ट सरकार को सौंप दी गई है। शिमला जिला में सेब को सबसे ज्यादा और अन्य जिलों में आम, आड़ू, पलम, बादाम व खुमानी को काफी नुक्सान हुआ है।