कोविड वॉरियर्ज ने मांगों को लेकर चौड़ा मैदान में डाला डेरा, खुले आसमां तले भूखे-प्यासे गुजारी रात

Edited By Vijay, Updated: 21 Sep, 2023 07:24 PM

covid warriors camp at chaura ground

कोविड के दौर में रखे गए और इस दौरान उत्कृष्ट कार्य के लिए हैलीकॉप्टर से फूलों की वर्षा का सम्मान पा चुके कोविड वॉरियर्ज अब अपनी नौकरी जाती देख आहत हो चुके हैं। विधानसभा के मानसून सत्र में बुधवार को चौड़ा मैदान पर धरने पर बैठे ये कोविड कर्मी अब लिखित...

शिमला (संतोष): कोविड के दौर में रखे गए और इस दौरान उत्कृष्ट कार्य के लिए हैलीकॉप्टर से फूलों की वर्षा का सम्मान पा चुके कोविड वॉरियर्ज अब अपनी नौकरी जाती देख आहत हो चुके हैं। विधानसभा के मानसून सत्र में बुधवार को चौड़ा मैदान पर धरने पर बैठे ये कोविड कर्मी अब लिखित रूप में ही अपनी मांगें पूरी होने का इंतजार कर रहे हैं। इसके लिए भूखे-प्यासे कोविड कर्मियों ने बुधवार की रात खुले आसमां तले गुजार दी है। घरों में नौनिहालों को छोड़कर अपनी नौकरी के प्रति ये कोविड कर्मी यहां हल्का-फुल्का खाकर गुजारा करने को विवश हो गए हैं। 2020 में रखे इन कोविड वाॅरियर्ज को हर तीन माह बाद सेवा विस्तार दिया जाता है और इस बार 30 सितम्बर तक का एक्सटैंशन दिया गया है और साथ ही कहा गया है कि इसके बाद इनकी सेवाएं स्वत: ही समाप्त हो जाएंगी। इससे आहत कोविड कर्मियों ने सचिवालय का भी घेराव किया था और यहां पर भी रात्रि उन्होंने खुले आसमां तले बिताई थी और अब विधानसभा के बाहर चौड़ा मैदान में कोविड वॉरियर्ज डेरा डाले हुए हैं। 

कोविड कर्मियों का कहना है कि जब पूरे देश व प्रदेश में कोविड जैसी जानलेवा बीमारी के डर से लोग अपने घरों से भी बाहर नहीं निकल पाते थे तथा इस बीमारी से ग्रसित लोगों के परिवार के सदस्य तक डर से दूर भागते थे, तो उस समय हमें सेवा प्रदान करने का अवसर मिला। हमने अपने घर-परिवार व बच्चों की भी परवाह न करते हुए पूरे तन-मन से मरीजों को सेवाएं प्रदान कीं। उनका कहना है कि 40 हजार आऊटसोर्स कर्मचारियों की तर्ज पर 1800 कोविड वॉरियर्ज को भी इसमें शामिल किया जाए। सरकार को अनुभवी स्टाफ कम वेतन में मिलेगा। उन्होंने कहा कि कोविड वॉरियर्ज पढ़े-लिखे हैं और कमीशन पास करने में उन्हें भी 2 से 3 अंक दिए जाएं। 

हिमाचल प्रदेश रियल कोविड वॉरियर्ज यूनियन की प्रदेशाध्यक्ष अंजलि भारद्वाज ने कहा कि राज्य के कोविर्ड वॉरियर्ज को उनकी सेवाओं को निरंतर जारी रखने और स्वास्थ्य विभाग में बनाई गई सरकारी संस्थाओं (सोसायटी) में उन्हें मर्ज करने की ही मांग है और जब तक यह मांग पूरी नहीं होती और उन्हें लिखित रूप में आश्वासन नहीं मिलता, तब तक वह चौड़ा मैदान में ही डटे रहेंगे, चाहे उन्हें अनशन व भूख हड़ताल ही क्यों न करनी पड़े। 

हिमाचल की खबरें Twitter पर पढ़ने के लिए हमें Join करें Click Here
अपने शहर की और खबरें जानने के लिए Like करें हमारा Facebook Page Click Here
  

Related Story

Trending Topics

IPL
Lucknow Super Giants

Royal Challengers Bengaluru

Teams will be announced at the toss

img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!