Edited By Jyoti M, Updated: 26 May, 2025 11:33 AM

देशभर में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए हिमाचल प्रदेश सरकार ने भी अलर्ट जारी कर दिया है। राज्य के सभी मेडिकल कॉलेजों और जिला अस्पतालों को भविष्य में कोरोना (कोविड-19) और इन्फ्लूएंजा (फ्लू) के मामलों को रोकने के लिए कड़ी निगरानी रखने और पुख्ता...
हिमाचल डेस्क। देशभर में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए हिमाचल प्रदेश सरकार ने भी अलर्ट जारी कर दिया है। राज्य के सभी मेडिकल कॉलेजों और जिला अस्पतालों को भविष्य में कोरोना (कोविड-19) और इन्फ्लूएंजा (फ्लू) के मामलों को रोकने के लिए कड़ी निगरानी रखने और पुख्ता इंतजाम करने के निर्देश दिए गए हैं।
अस्पतालों को मजबूत करने पर जोर
स्वास्थ्य विभाग ने अस्पतालों में बुनियादी ढांचे को मजबूत करने पर विशेष जोर दिया है। इसमें बिस्तरों की पर्याप्त उपलब्धता, ऑक्सीजन की निर्बाध आपूर्ति, वेंटिलेटर, बीआईपीएपी मशीनें, ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, पीएसए ऑक्सीजन संयंत्र, एंटीबायोटिक्स और अन्य आवश्यक दवाओं का पर्याप्त स्टॉक सुनिश्चित करना शामिल है। इन निर्देशों का मकसद यह सुनिश्चित करना है कि किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए अस्पताल पूरी तरह तैयार रहें।
निगरानी और रिपोर्टिंग पर विशेष ध्यान
हिमाचल नेशनल हेल्थ मिशन (एनएचएम) ने विस्तृत दिशानिर्देश जारी किए हैं। इनके तहत, ओपीडी (आउट पेशेंट डिपार्टमेंट) और आईपीडी (इन पेशेंट डिपार्टमेंट) में इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी (ILI) और गंभीर तीव्र श्वसन बीमारी (SARI) के मामलों की रिपोर्टिंग को IHIP - IDSP पोर्टल के माध्यम से अनिवार्य कर दिया गया है। इसका मतलब है कि सर्दी-जुकाम और सांस संबंधी गंभीर बीमारियों के हर मरीज की जानकारी दर्ज की जाएगी।
इसके अलावा, यदि किसी भी मामले की रिपोर्ट पॉजिटिव आती है, तो उसकी जानकारी तुरंत भारतीय जिला और राज्य निगरानी इकाइयों के साथ साझा की जानी चाहिए। यह कदम इसलिए उठाया गया है ताकि मामलों की सटीक संख्या का पता चल सके और संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाए जा सकें।
बचाव के उपाय बेहद जरूरी
यह समझना महत्वपूर्ण है कि बुजुर्गों और कमजोर प्रतिरक्षा (इम्युनिटी) वाले लोगों में संक्रमण का खतरा अधिक हो सकता है। ऐसे व्यक्तियों के लिए, 'कोविड-उपयुक्त व्यवहार' का पालन करना ही सबसे महत्वपूर्ण सावधानी है। इसमें हाथों की साफ-सफाई बनाए रखना, सार्वजनिक स्थानों पर मास्क पहनना और भीड़-भाड़ वाली जगहों से बचना शामिल है।
हाल ही में सामने आए कोरोना के JN.1 वेरिएंट में कुछ अतिरिक्त परिवर्तन (म्यूटेशन) देखे गए हैं। ये म्यूटेशन इसे शरीर में वैक्सीन से बनी प्रतिरक्षा को आसानी से चकमा देकर संक्रमण फैलाने में सक्षम बनाते हैं। हालांकि, राहत की बात यह है कि इसकी गंभीरता कम बताई जा रही है।
कोरोना और फ्लू के सामान्य लक्षण
ओमिक्रॉन और इसके अन्य वेरिएंट से संक्रमित लोगों को मुख्य रूप से सूखी खांसी, नाक बहना या बंद होना, सिरदर्द, गले में खराश, बुखार और थकान जैसे लक्षण महसूस हो सकते हैं। कुछ मामलों में, स्वाद या गंध का पता न चलना और पाचन संबंधी दिक्कतें भी हो सकती हैं। ये लक्षण फ्लू के लक्षणों से काफी मिलते-जुलते हैं, इसलिए सावधानी बरतना और जरूरत पड़ने पर जांच करवाना महत्वपूर्ण है।
सरकार का यह अलर्ट और दिशानिर्देश यह सुनिश्चित करने के लिए हैं कि हिमाचल प्रदेश में स्वास्थ्य प्रणाली किसी भी संभावित चुनौती का सामना करने के लिए तैयार रहे और लोगों को संक्रमण से बचाया जा सके।