Edited By Rahul Singh, Updated: 01 Sep, 2024 01:15 PM
सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण कीतरपुर-मनाली फोरलेन प्रोजैक्ट के तहत बन रहे पंडोह बाईपास टकोली प्रोजैक्ट में काम कर रहे ठेकेदार बुधवार को सड़कों पर उतरकर धरना-प्रदर्शन करेंगे। इन ठेकेदारों ने एन.एच.ए.आई. के प्रोजैक्ट डायरैक्टर वरुण चारी से फिर से...
पंडोह, (विशाल) : सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण कीतरपुर-मनाली फोरलेन प्रोजैक्ट के तहत बन रहे पंडोह बाईपास टकोली प्रोजैक्ट में काम कर रहे ठेकेदार बुधवार को सड़कों पर उतरकर धरना-प्रदर्शन करेंगे। इन ठेकेदारों ने एन.एच.ए.आई. के प्रोजैक्ट डायरैक्टर वरुण चारी से फिर से मुलाकात की और उन्हें धरना-प्रदर्शन संबंधी पत्र सौंपा। ठेकेदारों ने इस पत्र की कॉपी डी. सी. मंडी और एस.पी. मंडी को भी सौंप दी है। प्रोजैक्ट डायरैक्टर से मिलने गए ठेकेदार अनिल, महेश, रोहित, देवेंद्र कुमार और आनंद कुमार ने बताया कि एक सप्ताह से अधिक समय बीत जाने के बाद भी शाहपुरजी पलौनजी और एफकॉन्स कंपनी ठेकेदारों का भुगतान नहीं कर पाई है।
पिछली बार जब ठेकेदारों ने इनसे और एन.एच.ए.आई. से बात की थी तो एक सप्ताह के भीतर भुगतान की बात कही थी, लेकिन एक सप्ताह बीत जाने के बाद भी इस दिशा में कोई कार्य नहीं हो पाया है। हालांकि एन.एच.ए.आई. ने निर्देश दिए थे कि दोनों कंपनियां ठेकेदारों के साथ बैठक करके इसका समाधान निकालें लेकिन अभी तक ऐसा कुछ भी नहीं हो पाया है। 50 से अधिक ठेकेदारों को 50 करोड़ से अधिक की लेनदारी लेने को है, लेकिन दोनों कंपनियों की आपसी लड़ाई के कारण ठेकेदारों को इसका खमियाजा भुगतना पड़ रहा है।
अब जब कंपनी प्रबंधन उनकी बात को नहीं मान रहा है तो फिर ठेकेदारों को सड़कों पर उतरकर धरना-प्रदर्शन करने के लिए मजबूर किया जा रहा है। ठेकेदारों ने कंपनी प्रबंधन और एन.एच.ए.आई. को 3 सितम्बर यानी मंगलवार तक सभी का बकाया का भुगतान करने का नियो समय दिया है। यदि मंगलवार तक बकाया का भुगतान नहीं होता है तो फिर बुधवार को सभी ठेकेदार एन. एच.ए. आई., शाहपुरजी पलौनजी और एफकॉन्स कंपनी के कार्यालय के बाहर धरना-प्रदर्शन करेंगे। ठेकेदारों ने स्पष्ट किया है कि यदि इस दौरान कोई घटनाक्रम घटता है तो उसकी जिम्मेदारी कंपनी प्रबंधन और एन.एच.ए.आई. की रहेगी। बता दें कि पिछले 8 महीने से ठेकेदारों को उनके बिलों की अदायगी कंपनी प्रबंधन द्वारा नहीं की गई है और 3 महीनों से फोरलेन प्रोजैक्ट का कार्य भी इसी कारण बंद पड़ा है।
कंपनियों को लिखित में दे दिए हैं समाधान निकालने के निर्देश
इस बारे में एन.एच.ए.आई. के प्रोजैक्ट डायरैक्टर वरुण चारी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि शाहपुरजी-पलौनजी और एफकॉन्स कंपनी के प्रबंधन को लिखित में मामले को सुलझाने के निर्देश दे दिए गए हैं। क्योंकि यह ठेकेदार सीधे एन.एच.ए.आई. के साथ नहीं जुड़े हैं, इसलिए इनकी अदायगी की जिम्मेदारी कंपनियों की ही बनती है। प्रबंधन को फिर से स्थायी समाधान के निर्देश दिए जाएंगे।