'लूट की छूट' शीर्षक से कांग्रेस ने सरकार के खिलाफ जारी की 23 पन्नों की चार्जशीट

Edited By Vijay, Updated: 29 Oct, 2022 07:11 PM

congress in shimla

भाजपा की जयराम सरकार के खिलाफ कांग्रेस ने शनिवार को लूट की छूट शीर्षक से 23 पन्नों की चार्जशीट जारी की। प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन शिमला में पत्रकार वार्ता के दौरान कांग्रेस मीडिया एवं प्रचार विभाग के राष्ट्रीय अध्यक्ष पवन खेड़ा, नेता...

शिमला (राक्टा): भाजपा की जयराम सरकार के खिलाफ कांग्रेस ने शनिवार को लूट की छूट शीर्षक से 23 पन्नों की चार्जशीट जारी की। प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन शिमला में पत्रकार वार्ता के दौरान कांग्रेस मीडिया एवं प्रचार विभाग के राष्ट्रीय अध्यक्ष पवन खेड़ा, नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री व प्रचार समिति के अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू व प्रदेश मीडिया की प्रभारी एवं राष्ट्रीय प्रवक्ता अलका लांबा ने चार्जशीट जारी की। इस मौके पर पवन खेड़ा ने कहा कि भाजपा के 5 साल का कच्चा चिट्ठा बनाने बैंठे तो कई ग्रंथ लिखने होंगे लेकिन भाजपा का चाल, चरित्र और चेहरा तीनों बेनकाब करने वाला कांगे्रस का यह आरोप पत्र 5 साल की चुंनिदा और बड़ी विफलताओं का लेखा-जोखा है। उन्होंने कहा कि बेरोजगारी, भ्रष्टाचार और महंगाई भाजपा के 3 भाई हैं। चार्जशीट में आरोप लगाया गया है कि सरकार ने 5 साल में 51 प्रतिशत अधिक कर्ज लिया है और सरकारी खर्चों में बेहिसाब बढ़ौतरी हुई है। आरोप है कि मंत्री और भाजपा के नेता ठेकों और कमीशन के दम पर लगातार मालदार हुए हैं। लोग जानते है कि मंत्रियों ने किस तरह से नए कारोबार शुरू किए हैं। किस तरह से उनके साधारण दिखने वाले घर आलीशान महलों में बदल गए। 

सरकार में आऊटसोर्स बना कमीशन का सबसे बड़ा उद्योग
आरोप लगाया गया है कि वर्तमान सरकार में आऊटसोर्स कमीशन का सबसे बड़ा उद्योग बनकर रह गया। 23 करोड़ से अधिक की राशि केवल कमीशन पर खर्च हो रही है। आरोप है कि जब आउटसोर्स के नाम पर पंजीकृत कंपनियां कमीशन ले रही है? इसी तरह निजी क्षेत्र में रोजगार दिए जाने के गलत आंकड़े पेश करने के आरोप लगाए गए हैं। पुलिस का पेपर 6 से लेकर 8 लाख तक बिका। कुल मिलाकर ये 250 करोड़ का घोटाला था। आरोप है कि इस केस में जिन लोगों ने पेपर खरीदने के लिए पैसे दिए, वे अभी जेल में हैं जबकि संबंधित पैसे किन लोगों तक पहुंचे, इस विषय पर न जांच हुई, न ही कोई गिरफ्तारी हुई। इसके साथ ही सरकार पर बागवानों के शोषण करने का आरोप लगाया गया है। इसके साथ ही कोराना महामारी के दौरान भाजपा नेताओं द्वारा लूट-खसूट में  करने का आरोप लगाया गया है। सरकार में बैठे लोगों और अन्य पदाधिकारियों ने पीपीई किट, सैनेटाइजर और दवाइयों में तरह-तरह के घोटाले किए। आरोप है कि जो कंपनी अस्तित्व में नहीं थी, उससे औने-पौने दामों में पीपीई किट खरीदी गई। 

बिजली विभाग में ठेकेदारों के माध्यम से लूटे करोड़ों
आरोप पत्र में कहा गया है कि बिजली विभाग में ठेकेदारों के माध्यम से करोड़ों रुपए लूटे गए। विभाग में बड़े पैमाने पर घटिया गुणवता की सामग्री, उच्च गुणवता की सामग्री के दामों पर ठेकेदारों से खरीदी गई। एचपीटीसीएल, आईपीडीएस, शोंग टोंग कड़छम परियोजना को लेकर कैग की रिपोर्ट पर सरकार चुप है और कोई कार्रवाई नहीं हुई।

पीडब्लयूडी में करोड़ों के घोटाले
पीडब्लयूडी विभाग में आरोप है कि घटिया गुणवत्ता के कार्य करवाना, बिना स्वीकृति कार्य जारी करवाना, कार्यों मे देरी करवाना और अपने चहेते ठेकेदारों को करोड़ों के भुगतान कर खुद पैसे बनाना भाजपा सरकार की पहचान बनी है।

जलशक्ति बना धन शक्ति विभाग
आरोप है कि जलशक्ति विभाग में अपने खास फर्म को नियमों की धज्जियां उड़ाकर करोड़ों के भुगतान किए गए। घटिया सामग्री की उच्च दामों पर खरीद हुई। पाइप खरीद में घोटाला हुआ। शिमला क्लीन वेज मे फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र जैसे अनेक मामले भ्रष्टाचार के गवाह है। कैग की रिपोर्ट में सरकार की धज्जिया उड़ी हैं। विभाग में ऐसे पैरा फिटर, प्लंबर भी भर्ती कर दिए, जिनके पास आईटीआई का डिप्लोमा नहीं है। 

खाद्य आपूर्ति विभाग बना प्राइवेट लिमिटेड
आरोप लगाया है कि खाद्य आपूर्ति विभाग में ई-पॉश मशीन खरीद में 30 करोड़ का घोटाला हुआ। डिपो में मिलने वाले राशन में भारी मात्रा में गड़बड़ी हुई। टैंडर के बिना चेहेते सप्लायरों से करोड़ो रु पए का सामान खरीदा गया। जिन कंपनियों के सैंपल फेल हुए, उनको फिर से सप्लाई का आर्डर दिया। सैंकड़ों करोड़ का चीनी घोटाला हुआ।

खनन-अवैध कटान 
आरोप है कि खड्डों में अवैध खनन बेरोकटोक चलने दिया गया। टैंकर और टिप्पर की खुलेआम आवाजाही को अनदेखा किया गया और अवैध खनन माफिया को बढ़ावा देकर सरकारी राजस्व का करोड़ो का नुकसान करवाकर अपनी जेबें भरने का काम भाजपा सरकार ने किया। इसके साथ ही वन माफिया पर भी जयराम सरकार मेहरबान रही है। चार्जशीट में कहा गया है कि नाचन विधायक का अवैध वन कटाई मामला प्रदेश की जनता नहीं भूली है। हजारो पेड़ काटे जा रहे है। कोई जांच और कारवाई नहीं हो रही है।

शिक्षा विभाग बना आरएसएस भर्ती विभाग
आरोप लगाया गया है कि सरकारी अभियांत्रिकी महाविद्यालयों में नियमों को दरकिनार कर आरएसएस से जुड़े लोगो को प्रोफैसर बनाया गया जबकि उनके पास असिस्टेंट प्रोफेसर बनने तक का अनुभव नहीं था। आरोप लगाया गया है कि स्कूलों के बच्चो को दी जाने वाली वर्दी तक में भाजपाई 60 करोड़ का घोटाला कर चुके हैं। इसी तरह खाद्य आपूर्ति मंत्री की पत्नी को 50 प्रतिशत न्यूनतम अंकों में विशेष छूट देकर प्रवक्ता बनाया गया जबकि ऐसे हजारों कर्मचारियों की पदोन्नति न्यूनतम 50 प्रतिशत अंक न होने के कारण नहीं हुई है।

भर्तियों में किए घोटाले 
प्रदेश में राज्य एवं केंद्र सरकार के विभिन्न शिक्षा संस्थानो में आरएसएस से जुड़े लोगो को भर्ती किया गया। आउटसोर्स भर्तियों में दो मुख्य विस क्षेत्रों भर्तियां हुई। जिनमें एक मुख्यमंत्री तो दूसरा जलशक्ति मंत्री का विस क्षेत्र शामिल है। तृतीय और चतुर्थ श्रेणी की भर्तियों में बाहरी राज्यों के भाजपा से जुड़े लोगों को नौकरियां दी गई। विश्व बैंक, जायका, एडीबी द्वारा वित्त पोषित व सहकारी सभाओं में चारेदरवाजे से भर्तियां की गई। 

सीधेतौर पर न सीएम-न ही मंत्रियों पर कोई आरोप
कांग्रेस ने शनिवार को जो चार्जशीट जारी की है, उसमें न मुख्यमंत्री और न ही किसी मंत्री पर सीधे तौर पर आरोप लगाए गए हैं। आरोप पत्र में मुख्यमंत्री को कमजोर एवं अनुभवहीन बताते हुए उन्हें दिल्ली की कठपुतली की उपाधि से नवाजा गया है। इसी तरह विभिन्न विभागों का उल्लेख करते हुए घोटाले के आरोप लगाए गए हैं। 

जनता के साथ की वायदाखिलाफी
कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि भाजपा के लंबे समय से जो मुद्दे थे, वे केंद्र व राज्य में भाजपा सरकार बनते ही गायब हो गए। इनमें नदियों के पानी राॅयल्टी, ग्रीन बोनस, प्रदेश को कर्ज मुक्त करना, पठानकोट और भानूपल्ली से लेकर रेलवे लाइन का निर्माण, बीबीएमबी से प्रदेश का शेयर लेना, भाखड़ा व पौंग बांध विस्थापितों के भूमि विवादों का समाधान, घोषित 70 उच्च मार्गों का निर्माण, भूमि अधिग्रहण के लिए फैक्टर-टू लागू करना, हिमाचल रैंजीमैंट का गठन करना, चम्बा व सुंदरनगर में सीमैंट प्लांट स्थापित करना, पड़ोसी राज्यों की तुलना में सस्ता सीमैंट देना, किसानों को लागत मूल्य से दोगुना मूल्य सुनिश्चित करना,  आरक्षण समाप्त करना , जनसंख्या नियंत्रण के लिए कदम उठाना सहित अन्य मामलों में कुछ नहीं किया गया। 

अन्य मामले

  • मंडी जिला में निर्माणधीन शिवधाम में टैंडर प्रक्रिया के नियम अनुसार कार्य नहीं हुआ।
  • बिजली बोर्ड के एक अधिकारी को दोषी पाए जाने के बावजूद चीफ इंजीनियर से डायरैक्टर पद पर पदोन्नत किया गया।
  • जिला सिरमौर में विद्युत मीटर बदलने का कार्य 2572 रुपए प्रति मीटर की दर से हुआ, जबकि बड़सर में 65 रुपए प्रति मीटर की दर से अवार्ड किया।
  • जलशक्ति विभाग में टेंडर पूल कर सरकार को करोड़ों रुपए का चूना लगाया गया। मंत्री के चेहेतों ने खुला उल्लंघन किया।
  • कांगड़ा केंद्रीय सहकारी बैंक में भ्रष्टाचार का मामला सामने आया लेकिन सरकार खामोश रही।
  • बजट उपलब्ध होने के बावजूद प्रदेश के 5 अस्पतालों में ट्रामा सेंटरों का निर्माण नहीं हो पाया जबकि 10.61 करोड़ की  राशि लंबित है। 

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