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जनता दरबार : मंडी की इस 20 वर्षीय बेटी की व्यथा सुनकर सीएम सुक्खू भी रह गए दंग

Edited By Vijay, Updated: 20 Oct, 2023 09:18 PM

cm sukhvinder singh

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के जनता दरबार में दुखियारी बेटियों से लेकर गोद में छोटे-छोटे बच्चों को लेकर माताएं भी पहुंचीं। इन सबने मुख्यमंत्री से मदद की गुहार लगाई, जिसके बाद किसी को आर्थिक मदद मिली तो कोई काम पूरा होने का आश्वासन लेकर वापस लौट...

शिमला (कुलदीप): मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के जनता दरबार में दुखियारी बेटियों से लेकर गोद में छोटे-छोटे बच्चों को लेकर माताएं भी पहुंचीं। इन सबने मुख्यमंत्री से मदद की गुहार लगाई, जिसके बाद किसी को आर्थिक मदद मिली तो कोई काम पूरा होने का आश्वासन लेकर वापस लौट गया। मंडी जिले के सरकाघाट से आई 20 वर्षीय पारुल सैनी की व्यथा सुनकर मुख्यमंत्री भी दंग रह गए और उन्होंने अधिकारियों को वस्तुस्थिति का पता लगाने के निर्देश दिए। 

दादा, दादी व चाचा ने मारपीट कर घर से निकाला
पारुल का आरोप था कि उसके पिता की मौत के बाद उसे तेरहवीं वाले दिन दादा, दादी व चाचा ने मारपीट कर घर से निकाल दिया। उसे शक है कि उसके पिता ने आत्महत्या नहीं की बल्कि उनकी मृत्यु के पीछे कोई और कारण है, ऐसे में इस मामले की जांच होनी चाहिए। पारुल ने कहा कि उसे पिता के सभी अधिकारों से वंचित कर दिया गया, जिस कारण वह होस्टल में रहने को मजबूर है। पारुल का कहना था कि उसने इस मामले को लेकर पुलिस में एफआईआर भी दर्ज करवाई है। इस पर मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को आदेश दिए कि किस तरह से कानूनी पहलुओं को देखकर मदद हो सकती है। 

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1 महीने के बच्चे को लेकर 2 बहनें व 3 बच्चों को लेकर पहुंची दुखियारी मां
इसके अलावा 1 महीने के बच्चे को लेकर 2 बहनों व 3 बच्चों को लेकर दुखियारी मां ने भी मुख्यमंत्री से गुहार लगाई। रोहड़ू से 8 माह की बेटी को लेकर आई दीपू का कहना था कि उनके ऊपर बूढ़ी मां का पालन-पोषण करने की जिम्मेदारी भी है। मुख्यमंत्री के पास 3 बच्चों को लेकर पहुंची महिला ने कहा कि उसके पति की मौत हो चुकी है, जिसके बाद सास-ससुर व पूरे परिवार का जिम्मा उसके ऊपर है। रोहड़ू से नेत्रहीन महिला के साथ पहुंची बेटी की मुख्यमंत्री ने आर्थिक मदद की। इसी तरह दुकान चलाने वाली महिला ने ऋण माफी की गुहार लगाई। इसके अलावा कई प्रतिनिधिमंडलों ने भी मुलाकात की, जिस पर मुख्यमंत्री ने उनसे जुड़े मामले को केंद्र सरकार से उठाने का आश्वासन दिया। 

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विशेष बच्चों के लिए ढली में चल रहे स्कूल के शिक्षक हड़ताल पर, अभिभावक परेशान
शिमला में विशेष बच्चों के लिए ढली में चल रहे स्कूल के शिक्षक करीब 2 सप्ताह से हड़ताल पर हैं। इस कारण स्कूल में शिक्षण कार्य प्रभावित होने के अलावा सफाई व्यवस्था भी चरमरा गई है। यहां पर करीब 136 विशेष बच्चे शिक्षा ग्रहण करते हैं। यहां के शिक्षक इसलिए हड़ताल पर गए हैं क्योंकि उनकी सेवाएं नियमित नहीं होने के अलावा उन्हें करीब 10 हजार रुपए वेतन मिलता है। शिक्षकों के हड़ताल पर चले जाने के कारण छात्रों के अभिभावक शुक्रवार को मुख्यमंत्री से जनता दरबार में मिलने पहुंचे। 

शिक्षकों की मांगें जायज लेकिन बच्चों की पढ़ाई हो रही प्रभावित 
अंजलि व किशोर के अलावा अन्य अभिभावकों का कहना था कि शिक्षकों की मांगें जायज हैं लेकिन शिक्षण कार्य ठप्प होने से उनके बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। उन्होंने कहा कि यहां पर न तो ब्रेल पढ़ाने वाले शिक्षक हैं तथा न ही पर्याप्त स्टाफ है। उन्होंने कहा कि वे पहले भी इस संदर्भ में मिलने आए थे लेकिन उनकी शिकायत पर गौर नहीं किया गया। उन्होंने इस स्कूल का सरकारी क्षेत्र में अधिग्रहण करने की मांग की। उल्लेखनीय है कि हिमाचल प्रदेश में करीब 6 हजार दिव्यांग बच्चे हैं, जिनको पढ़ाने के लिए सरकारी स्तर पर शिक्षा ग्रहण करने के लिए कोई विशेष प्रबंध नहीं किया गया है।

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