Edited By Vijay, Updated: 19 Mar, 2023 10:33 PM

प्रदेश सरकार ने विभिन्न राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं के लिए एक माह के भीतर 804 करोड़ रुपए के भूमि मुआवजे वितरित किए हैं। शेष 750 करोड़ रुपए के मुआवजे के मामलों का वितरण 27 मार्च तक करने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए गए हैं।
शिमला (भूपिन्द्र): प्रदेश सरकार ने विभिन्न राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं के लिए एक माह के भीतर 804 करोड़ रुपए के भूमि मुआवजे वितरित किए हैं। शेष 750 करोड़ रुपए के मुआवजे के मामलों का वितरण 27 मार्च तक करने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए गए हैं। रविवार को मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शिमला में प्रदेश में निर्माणाधीन विभिन्न राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में उन्होंने भूमि मुआवजा, वन अधिकार अधिनियम (एफआरए) और वन संरक्षण अधिनियम (एफसीए 1) की मंजूरी से संबंधी मामलों और परियोजनाओं के कार्यान्वयन में आ रही अन्य बाधाओं के समाधान पर बल दिया।
परियोजनाओं के निर्माण कार्य में गति लाने के निर्देश
मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं को समयबद्ध पूरा करने के लिए राज्य सरकार द्वारा मुआवजे और स्वीकृतियों से संबंधित मामलों का निपटारा प्रतिबद्धता से किया जा रहा है। परियोजनाओं के सुचारू कार्यान्वयन के लिए राज्य सरकार द्वारा प्रक्रिया में तेजी लाई जा रही है। इससे लोगों व राज्य में आने वाले सैलानियों को बेहतर संपर्क सुविधा उपलब्ध होगी। उन्होंने शिमला-मटौर सड़क, पठानकोट-मंडी सड़क, शिमला बाईपास और पिंजौर-बद्दी-नालागढ़ सड़क की प्रगति की भी समीक्षा की और परियोजनाओं के निर्माण कार्य में गति लाने के निर्देश दिए।
15 दिन में एक बार होगी एफआरए व एफसीए मामलों की समीक्षा
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को एफआरए व एफसीए स्वीकृति संबंधी मामलों की हर 15 दिनों में निगरानी करने तथा इन मामलों को निपटाने में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इन मामलों में हुई प्रगति की समीक्षा के लिए 27 मार्च को बैठक आयोजित की जाएगी।
31 मार्च तक तैयार होगी सैंज-लुहरी-जलोड़ी सड़क की डीपीआर
उन्होंने कहा कि 31 मार्च तक सैंज-लुहरी-जलोड़ी सड़क की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार की जाएगी। जलोड़ी सुरंग के निर्माण के लिए एक सलाहकार नियुक्त किया जाएगा तथा नालागढ़-स्वारघाट सड़क, ऊना बाईपास और पंजाब की सीमा से नादौन तक सड़क निर्माण को शुरू किया जाएगा, साथ ही बीहरू-लठियाणी सड़क के लिए 900 करोड़ रुपए की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट बीते 20 फरवरी को केंद्र सरकार को प्रस्तुत की जा चुकी है और 31 मार्च, 2023 तक इस परियोजना को स्वीकृति मिलने की संभावना है।
ये रहे बैठक में मौजूद
बैठक में राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी, शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर, लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार सूचना प्रौद्योगिकी एवं नवाचार गोकुल बुटेल, मुख्यमंत्री के ओएसडी गोपाल शर्मा, प्रधान सचिव ओंकार शर्मा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव भरत खेड़ा, एनएचएआई के क्षेत्रीय अधिकारी अब्दुल बासित, हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड के प्रबंध निदेशक पंकज डडवाल और संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
रविवार को देर शाम तक बैठकों का दौर रहा जारी
प्रदेश सचिवालय में रविवार को 3 बजे से बैठकों का दौर जारी रहा, जो शाम तक चलता रहा। इस दौरान मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने लोक निर्माण विभाग के साथ-साथ पशुपालन विभाग के अधिकारियों के साथ भी चर्चा की। इस दौरान दुग्ध गंगा योजना को लेकर चर्चा की गई। मुख्यमंत्री पिछले सप्ताह भी रविवार को सचिवालय पहुंचे थे तथा अधिकारियों के साथ बैठक की थी।
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