Edited By Vijay, Updated: 10 Aug, 2025 06:14 PM

रक्षाबंधन के पावन अवसर पर हिमाचल प्रदेश के आठ बच्चों ने समग्र शिक्षा के तहत राष्ट्रपति भवन का विशेष दौरा किया और भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को राखी बांधने के साथ हिमाचली परिधान भेंट किए।
शिमला (ब्यूरो): रक्षाबंधन के पावन अवसर पर हिमाचल प्रदेश के आठ बच्चों ने समग्र शिक्षा के तहत राष्ट्रपति भवन का विशेष दौरा किया और भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को राखी बांधने के साथ हिमाचली परिधान भेंट किए। यह मुलाकात बच्चों के लिए एक अविस्मरणीय और प्रेरणादायी अनुभव बन गई। समग्र शिक्षा निदेशक राजेश शर्मा के मार्गदर्शन में करवाई गई इस यात्रा में कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय (केजीबीवी) की चार छात्राएं और सरकारी स्कूलों के विशेष आवश्यकता वाले चार बच्चे शामिल थे। इनमें पोर्टमोर स्कूल की गुंजन व दिया, जीएसएसएस चायल के अंश, जीएमएस रबोन के आरूष, केजीबीवी शिलाई-1 की संतोष, केजीबीवी शिलाई-4 की आरुषि तथा केजीबीवी आंध्रा की रिधिमा व प्राची शामिल थीं।
इन्हाेंने किया टीम का नेतृत्व
टीम का नेतृत्व समग्र शिक्षा में तैनात नोडल ऑफिसर डाॅ. मंजुला शर्मा, आईई को-ऑर्डीनेटर प्रतिभा बाली, क्वालिटी एजुकेशन को-ऑर्डीनेटर सोनिया शर्मा और शिक्षिका रंजना देवी ने किया। इन बच्चों को शिमला से मुख्यमंत्री ने एक समारोह के दौरान बीते शुक्रवार को दिल्ली के लिए रवाना किया था। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात के दौरान बच्चों के चेहरों पर उत्साह और गर्व साफ झलक रहा था।
पेड़ों को भी एक संरक्षक के रूप में मानें और उन्हें संजो कर रखें
राष्ट्रपति मुर्मू ने रक्षा बंधन के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह प्रेम और संरक्षण का प्रतीक है, जिसे न केवल परिवार और मित्रों बल्कि पर्यावरण के साथ भी सांझा किया जा सकता है। उन्होंने बच्चों से आह्वान किया कि वे पेड़ों को भी एक संरक्षक के रूप में मानें और उन्हें संजो कर रखें, मानो उन्हें राखी बांधी हो।
राष्ट्रपति भवन के ऐतिहासिक महत्व व अद्वितीय वास्तुकला के बारे में ली जानकारी
इस दौरान बच्चों ने राष्ट्रपति भवन का भ्रमण भी किया और वहां के ऐतिहासिक महत्व व अद्वितीय वास्तुकला के बारे में जानकारी हासिल की। साथ ही, उन्होंने एनसीईआरटी का भी दौरा किया, जहां उन्होंने पुस्तकों की तैयारी की पूरी प्रक्रिया को नजदीक से देखा। राष्ट्रपति से हुई इस आत्मीय मुलाकात और राष्ट्रपति भवन के अनुभव ने बच्चों के मन में गर्व, प्रेरणा और आत्मविश्वास की गहरी छाप छोड़ दी। बच्चों ने इसे अपने जीवन की सबसे सुखद और यादगार घटनाओं में से एक बताया और इस अवसर के लिए समग्र शिक्षा का हृदय से आभार व्यक्त किया।