Edited By Vijay, Updated: 29 Jul, 2025 11:31 AM

मंडी में लगातार हो रही बारिश ने एक बार फिर जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। बीती रात करीब 1 बजे से शुरू हुई मूसलधार बारिश ने जिले की प्रमुख सड़कों और रिहायशी इलाकों में तबाही मचा दी।
मंडी (रजनीश): मंडी में लगातार हो रही बारिश ने एक बार फिर जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। बीती रात करीब 1 बजे से शुरू हुई मूसलधार बारिश ने जिले की प्रमुख सड़कों और रिहायशी इलाकों में तबाही मचा दी। चंडीगढ़-मनाली फोरलेन एक नहीं, बल्कि तीन स्थानों 4 मील, 9 मील और दवाड़ा में भूस्खलन के चलते पूरी तरह से बंद हो चुका है। सबसे गंभीर स्थिति दवाड़ा क्षेत्र में है, जहां सड़क पूरी तरह बह गई है और उसका नामोनिशान तक मिट गया है। साथ ही पठानकोट-मंडी राजमार्ग भी झलोगी और अन्य स्थानों पर लगातार हो रहे भूस्खलनों के चलते पिछले रात से बंद है।
इसी तरह मंडी-जोगिंद्रनगर फोरलेन भी लवांडी ब्रिज के पास भूस्खलन के चलते बंद पड़ा है। लगातार हो रही बारिश की वजह से सड़कों की मुरम्मत और बहाली का काम भी नहीं हो पा रहा है। जिला प्रशासन और एनएचएआई की टीमें मौके पर मौजूद हैं, लेकिन भारी बारिश और मलबे के चलते राहत कार्य बाधित हो रहा है। मंडी शहर के बीच से बहने वाली सुकेती खड्ड भी उफान पर है। इसका पानी और मलबा रिहायशी इलाकों में घुस गया है। खड्ड के किनारे बसे कई घरों में पानी भर गया, जिससे स्थानीय लोगों को रातभर जागकर समय बिताना पड़ा।
मंडी शहर के कई हिस्से, जिनमें जाेनल अस्पताल क्षेत्र भी शामिल है, मलबे से भर गए हैं या उन्हें नुक्सान पहुंचा है। धर्मपुर में पीडब्ल्यूडी डिवीजन कार्यालय और अधीक्षण अभियंता कार्यालय के ऊपर भारी भूस्खलन हुआ है, जहां कई वाहन कीचड़ और मलबे के नीचे दब गए हैं।
राज्य में इस बार मानसून ने कहर ढाया है। 20 जून से 28 जुलाई के बीच हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश से अब तक 1,523 करोड़ रुपए की निजी और सरकारी संपत्ति को नुक्सान हो चुका है। सबसे चिंता की बात यह है कि इस दौरान 164 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें से 27 लोगों की जान भूस्खलन, बादल फटने और फ्लैश फ्लड जैसी घटनाओं में गई है, जबकि 34 लोग अभी भी लापता हैं।
राज्य सरकार ने जिला प्रशासन को हाई अलर्ट पर रखा है और मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में और अधिक बारिश की चेतावनी जारी की है। पहाड़ी क्षेत्रों में यात्रा कर रहे लोगों से सावधानी बरतने की अपील की गई है, खासकर उन स्थानों पर जहां भूस्खलन की आशंका बनी रहती है।